मध्यप्रदेश में चुनावी तैयारियों का जायजा लेने आई चुनाव आयोग की फुल बेंच ने पुलिस के एक्शन पर नाराजगी जताई है। ग्वालियर-चंबल समेत दर्जनभर जिलों के एसपी को फटकार लगाई। आयोग ने कहा है कि सभी अधिकारी राजनीति की छत्रछाया से खुद को बाहर निकालें। जानबूझकर गलती करने से बचें, नहीं तो ऐसी कार्रवाई होगी, जो मिसाल बनेगी।
चुनाव आयोग ने मंगलवार को भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर में सभी कलेक्टर और एसपी की बैठक ली। आयोग ने कानून व्यवस्था में कमी और आपराधिक गतिविधियों पर एक्शन के मामले में लापरवाही पर नाराजगी जताई। सुबह की पाली में पहले राउंड में पुलिस एक्शन और कानून व्यवस्था की समीक्षा की गई। आयोग ने कहा कि वे पुलिस के एक्शन से संतुष्ट नहीं है। शराब पकड़ने, स्मैक और गांजे के कारोबार पर कार्रवाई और हवाला के कारोबार पर एक्शन के मामले में खास तौर पर भी नाराजगी जताई गई।
इन पांच बिंदुओं पर आयोग का फोकस रहा
- मतदाता सूची की शुद्धता
- लॉ एंड ऑर्डर और एनफोर्समेंट की कार्रवाई में लापरवाही नहीं होनी चाहिए। गड़बड़ी के मामले में सीजर और गुंडा एक्ट पर एक्शन का असर दिखना चाहिए।
- कलेक्टर, एसपी ऐसा काम करें कि राजनीतिक दलों का भरोसा प्रशासन की कार्यशैली पर रहे। मसलन, ईवीएम, मतदाता सूची समेत अन्य कार्य पर राजनीतिक दलों में शिकायत की स्थिति में न रहे। उन्हें निष्पक्ष चुनाव का भरोसा रहे।
- मीडिया और सोशल मीडिया पर नजर रखे
- संसाधनों की उपलब्धता में कमी नहीं रहनी चाहिए, ताकि चुनाव प्रभावित न हों।
डाटा से मतलब नहीं, पता है कैसे बनते हैं डाटा
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार, चुनाव आयुक्त गोयल और पांडेय ने कहा कि डाटा कैसे तैयार किए जाते हैं, यह हमें मालूम है, इसलिए डाटा से मतलब नहीं है। हमें तो कार्रवाई का असर और जनता में भरोसा दिखना चाहिए।
राजनीतिक छत्र छाया से बाहर निकलें अफसर
आयोग ने इस बात पर नाराजगी जताई है कि अब तक अफसरों की जो परफॉर्मेंस दिख रही है, वह राजनीतिक दबाव और मिलीभगत वाली लगती है, इसलिए भविष्य में राजनीतिक दबाव को झाड़ कर अधिकारी बाहर निकलें। आदत बदलें और जनता में प्रशासन के प्रति भरोसा पैदा करें।
शाम को ब्यूरोक्रेट्स की सराहना
आयोग ने दूसरी पाली में जिला वार समीक्षा के बाद ब्यूरोक्रेट्स की पीठ थपथपाई। कहा कि प्रशासनिक व्यवस्था सुदृढ़ और व्यवस्थित है। यहां की ब्यूरोक्रेसी देश में सबसे अच्छी मानी जाती है। इसलिए अधिकारी निष्पक्ष चुनाव करने के लिए खुद को ढाल लें।
जानबूझकर गलती की, तो माफी नहीं
आयोग ने अफसरों को चेताया है कि वह निष्पक्ष होकर काम करें। छोटी-मोटी गलतियां इग्नोर कर दी जाएंगी। आमतौर पर आयोग के एक्शन को लेकर अफसर में भय होता है कि जरा सी गलती पर कार्रवाई होती है। आयोग ने आश्वस्त किया कि सामान्य गलती को इग्नोर किया जा सकता है, लेकिन अगर जानबूझकर गलती की जाएगी, तो माफी नहीं मिलेगी। ऐसे मामले में आयोग सबसे खराब और खतरनाक कार्रवाई करेगा, जो मिसाल बनेगी।
कलेक्टर-एसपी ने दी यह जानकारी
इलेक्शन कमीशन की फुल बेंच के सामने कलेक्टर और पुलिस अधीक्षकों ने जिलों में मतदान केंद्रों की स्थिति, वहां पहुंच की स्थिति और मतदाताओं की संख्या के साथ-साथ संवेदनशील और अति संवेदनशील मतदान केंद्रों की जानकारी दी।
आयोग ने कहा है कि चुनाव के दौरान उपद्रव और अशांति फैलाने वाले तत्वों पर सख्ती से कार्रवाई के लिए प्लानिंग होनी चाहिए। मतदान केन्द्रों में सुरक्षा प्रबंधन को लेकर आयोग ने पुलिस अधीक्षकों से जिला वार रिपोर्ट ली है।
चुनाव आयोग के इन अफसरों का भोपाल में डेरा
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के साथ निर्वाचन आयुक्त अरुण गोयल, अनूप चंद्र पाण्डे, महानिदेशक निर्वाचन डॉ. नीता वर्मा, उप निर्वाचन आयुक्त अजय भादू एवं सचिव निर्वाचन पवन दीवान भी भोपाल आए हैं। केन्द्रीय निर्वाचन दल 6 सितंबर तक प्रदेश में रहेगा।
दूसरे राज्यों से सटे जिलों को लेकर की खास चर्चा
आयोग के अफसरों ने कलेक्टर एसपी से यूपी, गुजरात, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, राजस्थान की सीमा से सटे जिलों में की गई तैयारियों को लेकर चर्चा की। हाईवे से लेकर गांवों और कस्बाई इलाकों से जुडने वाली सड़कों पर नाकेबंदी और चेकिंग प्वाइंट बनाने को लेकर भी अफसरों ने जानकारी दी।