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सांसद केपी यादव बोले- शिवपुरी, गुना और अशोकनगर में मक्का का बंपर उत्पादन, यहां लगे बायो रिफाइनरी

सार

सांसद केपी यादव ने बताया, शिवपुरी, गुना और अशोकनगर जिले में मक्का का बंपर उत्पादन होता है। इसलिए यहां बायो रिफाइनरी लगनी चाहिए। सांसद यादव ने लोकसभा में अपनी ये मांग रखी।

विस्तार

साल 2019 के लोकसभा चुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया को हराने वाले सांसद केपी यादव ने लोकसभा में मांग रखी है कि उनके संसदीय क्षेत्र में बायो रिफाइनरी स्थापित की जाए। लोकसभा के शीतकालीन सत्र में नियम-377 के अधीन मामला उठाते हुए गुना-शिवपुरी-अशोकनगर सांसद केपी यादव ने लोकसभा क्षेत्र में मक्के के उत्पादन को देखते हुए सरकार से मांग की है कि यहां पर बायो रिफाइनरी स्थापित की जाए, जिससे क्षेत्र के युवा व किसान लाभान्वित हो सकें और रोजगार तथा विकास को नई गति प्राप्त हो।

सांसद केपी यादव ने लोकसभा में अपनी मांग रखते हुए कहा कि गुना लोकसभा क्षेत्र में सात हजार हेक्टेयर में मक्के की बुवाई होती है। इस वर्ष गुना, अशोकनगर और शिवपुरी जिले में मक्के की रिकॉर्ड खेती हुई है। इसके अलवा प्रतिदिन 25 से 230 हजार क्विंटल मक्का मंडी में पहुंच रहा है। मक्के के उत्पादन और उपलब्धता को देखते हुए गुना लोकसभा क्षेत्र में बायो रिफाइनरी स्थापित करने की अपार संभावनाएं हैं। सांसद केपी यादव ने कहा कि मेरा सरकार से निवेदन है कि इथेनॉल के उत्पादन हेतु मक्के की उपलब्धता को देखते हुए गुना लोकसभा में बायो रिफाइनरी की स्थापना के लिए आवश्यक कार्रवाई की जाए, जिससे एथेनॉल के उत्पादन को प्रोत्साहन मिले और हम 2025 तक 20 प्रतिशत एथेनॉल ब्लेडिंग के लक्ष्य को पूरा कर सकें।

एथेनॉल का उत्पादन एक अच्छा माध्यम
सांसद केपी यादव ने कहा कि किसानों की आय दोगुनी करने के लिए बायोफ्यूल जैसे एथेनॉल का उत्पादन एक अच्छा माध्यम है। क्योंकि इसका स्रोत किसानों द्वारा उगाई जाने वाली फैसले जैसे चावल, गन्ना और मक्का है। आज पूरे विश्व में एथेनॉल का 60 प्रतिशत उत्पादन मक्का से होता है। लेकिन भारत में अभी भी प्रमुख तौर पर गन्ने का इस्तेमाल होता है। इसकी प्रति हेक्टेयर खेती के लिए 1400 मिलीलीटर पानी इस्तेमाल होता है।

साल 2024 की तैयारियों में जुटे केपी
वैसे देखा जाए तो साल 2024 में फिर से लोकसभा चुनाव होने हैं। इसलिए इस बार फिर से भाजपा के टिकट पर केपी यादव अपने संसदीय क्षेत्र में सक्रिय हैं। ज्ञात है कि साल 2019 में भाजपा के टिकट पर केपी यादव ने कांग्रेस नेता रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया को एक लाख 25 हजार मतों से हरा दिया था। इसके बाद साल 2020 में हुए दलबदल के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मप्र की कांग्रेस की सरकार गिरा दी थी और वह कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आ गए थे।