उज्जैन l उज्जैन विभाग में अखिल भारतीय अधिकारी प्रवास के निमित्त विभाग के महाविद्यालयीन विद्यार्थी स्वयंसेवकों का प्रकट कार्यक्रम मंगलवार सायं 4 बजे उत्कृष्ट विद्यालय के सामने स्थित शास्त्रीनगर खेल मैदान पर आयोजित l कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में श्री रामदत्त जी चक्रधर,सहसरकार्यवाह, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ उपस्थित हुए l उन्होंने अपने वक्तव्य में वक्तव्य में कहा कि य़ह कालखंड बहुत महत्त्व का कालखंड है l प्रभु श्री राम चंद्र जी की प्राण प्रतिष्ठा अयोध्या में 22 जनवरी को संपन्न हुई है l इससे न केवल भारत अपितु सारी दुनिया के अंदर एक आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार हुआ है l ऐसे समय में महाविद्यालयीन छात्रों का प्रकट कार्यक्रम हम सब लोगों के लिए प्रेरणादायी है l सब प्रकार की प्रतिकूलताओ में दुनिया को दिशा देने वाला, मार्ग दर्शन करने वाला हमारा भारत वर्ष रहा हैं l वैसा भारत फिर से बने उसके पिछले 98 वर्षों से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की साधना चल रही है l 1925 में जब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रारम्भ हुआ तब स्वयंसेवक के नाम पर एक ही स्वयंसेवक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार जी थे l आज जब 2024 में विचार करते है तो लाखों स्वयंसेवक है l इसी मालवा प्रांत में 2013 में इंदौर में एकत्रीकरण हुआ था उसमें प्रांत से ही एक लाख स्वयंसेवक पूर्ण गणवेश में उपस्थित हुए थे l देश भर में ऐसे लाखों स्वयंसेवक है l संगठन के नाम पर 1925 में एक ही संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ था l आज देश के अंदर स्वयंसेवक के द्वारा चलने वाले संगठन 40 से अधिक संगठन राष्ट्रव्यापी स्तर के चल रहे है l उस समय एक ही शाखा थी मोइते नागपुर में आज 65 हजार से अधिक शाखाएं है l हम सब जानते है अपना देश बहुत बड़ा है l जैसा भारत का गौरवशाली अतीत था वैसा भारत फिर से बनना चाहिए इसके लिए हम सब प्रयत्नशील है l इससे पहले कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डॉ. नितिन जी राणे, कुलपति, अवंतिका विश्वविद्यालय, उज्जैन ने अध्यक्षीय उद्बोधन दिया l इस अवसर पर श्री बलराज जी भट्ट, विभाग संघ चालक, उज्जैन विभाग, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भी उपस्थित हुए l प्रकट कार्यक्रम में उज्जैन विभाग के 200 से अधिक महाविद्यालयीन विद्यार्थी स्वयंसेवकों ने सहभागिता कर आसन, योग सामुहिक समता का प्रदर्शन किया l
भारत सत्य के साथ में है, इसलिए आज ट्रेंड सेटर है
मुख्य वक्ता रामदत्त जी चक्रधर ने कहा कि आज दुनिया की जो परिस्तिथि है उसमें रूस यूक्रेन युद्ध चलते- चलते लगभग 2 साल से ज्यादा हो गया l उसके बाद फिलिस्तीन और इजराइल का युद्ध शुरू हो गया l कोई न कोई देश किसी न किसी के साथ खड़ा हुआ दिखाई देता है l लेकिन भारत वर्ष की स्थिति ऐसी है कि भारत का सम्बंध रूस, यूक्रेन, इजराइल और फिलिस्तीन से भी हैl भारत किसी के पक्ष में हैं और न विपक्ष में है l भारत केवल सत्य के साथ में है l जो सबको साथ में लेकर चल सकता है उसके साथ में है l इसलिए भारत की भूमिका आज इस प्रकार की है जैसे ट्रेंड सेटर हो गया हो भारत l इसलिए आज दुनिया को लगता है भारत को मध्यस्थ करनी चाहिए l भारत का प्रचीन चिंतन वसुदेव कुटुम्बकम अर्थात सारी पृथ्वी ही हमारा परिवार है l भारत केवल अपने बारे में विचार नहीं करता है l भारत सम्पूर्ण विश्व का विचार करता है l य़ह केवल शब्द नहीं प्रत्यक्ष व्यवहार में भी दिखता है l भारत ने कभी भेदभाव नहीं किया l वसुदेव कुटुम्बकम शब्दों मे नहीं व्यवहार और आचरण दोनों में ही है l इसलिए भारत जो बोलता है वह करके भी दिखाता है l आज भारत सैन्य दृष्टि से शक्तिशाली हुआ है l आर्थिक क्षेत्र और तकनीकि क्षेत्र में भी आगे बढ़ रहा हैं l
दुनिया में हिंदुत्व का प्रभाव बढ़ रहा है
रामदत्त जी चक्रधर ने कहा कि भारत का तत्व ज्ञान और चिंतन सब श्रेष्ठ है l आज भारत वर्ष की दुनिया के अंदर शाख बड़ी हैं l इतना ही नहीं हिंदुत्व का प्रभाव भी दुनिया के अंदर बढ़ता हुआ दिखाई देता है l पहले हिंदू को दोयम दर्जे का नागरिक कहते थे l आज न केवल भारत सारी दुनिया के अंदर हिंदुत्व का प्रभाव दिखाई देता है l एक कालखंड था जब लोग कहते थे भगवा तो आतंकवाद है l भगवा आतंकवाद का प्रतीक नहीं अपितु भगवा हमारे देश की पवित्रता का प्रतीक है l दुनिया में हिंदू संस्कृति का बढ़ता प्रभाव इस बात द्योतक है l