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CAA : सुप्रीम कोर्ट में CAA के खिलाफ ओवैसी ने दायर की याचिक

 

एआईएमआईएम (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) लागू होने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में ओवैसी ने नागरिकता संशोधन कानून पर रोक लगाने की मांग की है। इंडियन मुस्लिम लीग ने भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की हुई है। सरकार ने हाल ही में सीएए के लिए नोटिफिकेशन जारी कर इसे देशभर में लागू किया है।

CAA के खिलाफ शीर्ष अदालत में दायर हैं 200 से ज्यादा याचिकाएं

सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी याचिका में असदुद्दीन ओवैसी ने मांग की है कि सीएए कानून के तहत सरकार किसी को भी नागरिकता संशोधन कानून की धारा 6बी के तहत नागरिकता प्रदान न करे। सीएए के खिलाफ दायर याचिकाओं में सीएए कानून को संविधान के खिलाफ और भेदभावपूर्ण बताया गया है। शीर्ष अदालत में नागरिकता संशोधन कानून 2019 के खिलाफ 200 से ज्यादा याचिकाएं दायर हुई हैं। सीएए कानून को साल 2019 में ही संसद से मंजूरी मिली थी और उसके बाद से ही इस कानून का विरोध हो रहा है।

क्या है CAA क्यो  हो रहा विरोध

नागरिकता संशोधन कानून के तहत पड़ोसी देश बांग्लादेश, पाकिस्तान, अफगानिस्तान से आए धार्मिर  उत्पीड़न का शिकार होकर 31 दिंसबर 2014 से पहले भारत आने वाले शरणार्थियों का नागरिकता देने का प्रावधान है। इस कानून के तहत हिन्दू, सिख, पारसी, जैन, और बौद्ध लोगों को भारत की नागरिकता मिल जाएगी। इस कानून में मुस्लिम वर्ग को बाहर रखा गया है इसलिए इसका विरोध हो रहा है। इस कानून का विरोध करने वाले लोगों के कहना है कि इसमें धर्म के आधार पर भेदभाव है। वहीं सरकार की ओर से कहा जा रहा है कि ये तीन देश मुस्लिम बहुल देश है इसलिए उन्हें यहां की नागरिकता नहीं दी जा रही।