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Madhya Pradesh : डॉ यादव को मुख्यमंत्री बने 100 दिन हो गए, कूलिंग पीरियड अब समाप्त हुआ

मोहन जी याने डॉ मोहन यादव को मुख्यमंत्री बने 100 दिन हो गए, कूलिंग पीरियड समाप्त हुआ अब तीसरी आंख (केंद्रीय नेतृत्व, मीडिया और जनता) समीक्षा भी करेगी और आकलन भी होगा।

मोहन जी ने राजनितिक ऊर्जा से ओतप्रोत होकर काम शुरू किया,प्रशासनिक दक्षता भी प्रदर्शित की,राजदंड की सख्ती और राजकीय संवेदना भी देखने को मिली।

कठोर डग पर सधे कदमों से चलकर वे 100 दिन तक आ गए अब उनसे सरकार होनी ही नही चाहिए दिखनी भी चाहिए कि उम्मीद है। मोहन जी विजनरी राजनेता है,विरासत की रक्षा,उसकी पुर्नस्थापना और विकास की गति दोनों में उन्हें संतुलन बनाना है।
विक्रमादित्य को आदर्श मानकर वे राजकाज चला रहे है। आर्थिक अनुकूलता नही होने पर भी वे लगातार विकास कार्यो को मूर्तरूप देने में लगे हुए है।

नेतृत्व, कार्यनिष्पादन क्षमता, राजनय और प्रशासन की समझ मे उन्होंने अपने आपको प्रमाणित किया है लेकिन अभी भी एक कमी नजर आ रही है,निर्णयों और घोषणाओं के जमीनी क्रियान्वयन में उतनी तेजी नही है जिसकी मोहन जी से आशा की जाती है। सबसे खास बात यह है कि मुख्यमंत्री और सरकार के निर्णयों और घोषणाओं को लेकर जिस प्रशासनिक प्रतिबद्धता की उम्मीद थी दिखाई नही दे रही है।
प्रशासनिक संस्कृति में आमूलचूल बदलाव की जरूरत है,अधिकारी कामचलाऊ रवैये के आदि है,इस प्रवृत्ति को दुरस्त करना जरूरी है। योजनाओं के क्रियान्वयन में अनावश्यक रुकावटों की आदत को भी बदलना जरूरी है। समय सीमा और वितीय अनुशासन के मामले में मुख्यमंत्री जी आपको सख्ती करनी होगी।

प्रशासन में फॉलोअप और फीडबैक बहुत मायने रखते है इसकी कमी भी दूर करने की आपसे उम्मीद है।
इन 100 दिनों में प्रशासनिक सर्जरी भी हुई है,लेकिन उसमें डाइग्नोसिस की कमी दिखी है,अधिकारियों के नाम से ज्यादा उनके काम की समीक्षा कर पदस्थापना होनी चाहिए। बहरहाल अभी शुरुआत है। मध्यप्रदेश भारत का सर्वश्रेष्ठ राज्य आपके नेतृत्व में बने यही कामना हैं। आपको यशस्वी कार्यकाल की मंगलकामनाएँ।

प्रकाश त्रिवेदी
Samacharline.com