सार
विस्तार
मध्य प्रदेश के भोपाल और इंदौर में मेट्रो प्रोजेक्ट तय समय से काफी पीछे चल रहे हैं। भोपाल में मेट्रो का 30.95 किमी और इंदौर में 31.46 किमी ट्रैक प्रस्तावित हैं। अब मध्य प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड ने प्रदेश में मेट्रो दौड़ाने की तैयारी तेज कर दी है। भोपाल और इंदौर में पांच-पांच मेट्रो से सिग्नलिंग, लोड समेत अलग-अलग स्पीड पर ट्रायल रन तेज कर दिए हैं। इसमें इंदौर मेट्रो भोपाल से आगे है। कॉरपोरेशन ने इंदौर में मेट्रो रेल सुरक्षा आयुक्त से सर्टिफिकेट जारी करने के लिए सितंबर 2024 की तारीख तय की है। यहां से अनुमति मिलते ही दिसंबर 2024 तक इंदौर की जनता को मेट्रो की सुविधा मिलने लगेगी। कॉरपोरेशन के अधिकारियों का कहना है कि इंदौर में अभी सब कुछ प्लानिंग के अनुसार हो रहा है। हमने दिसंबर 2024 तक जनता के लिए मेट्रो शुरू करने का लक्ष्य तय किया है।
भोपाल में अभी करना होगा इंतजार
भोपाल में प्रथम चरण में सात किमी का प्रायोरिटी कॉरिडोर बनाया जा रहा है। इसमें फिलहाल चार किलो मीटर के सुभाष नगर से रानी कमलापति मेट्रो स्टेशन तक ट्रायल रन चल रहा है। कॉरपोरेशन ने दिसंबर-जनवरी तक इस रूट पर मेट्रो को चलाने का लक्ष्य रखा है। यहां पर दिसंबर में मेट्रो रेल सुरक्षा आयुक्त से क्लीयरेंस सर्टिफिकेट के लिए आवेदन की योजना है। इस रूट पर पहले सात किमी रूट पर मेट्रो शुरू करने की योजना थी, लेकिन रेलवे ओवर ब्रिज का काम शुरू होने में लेटलतीफी होने से रूट कनेक्ट ही नहीं हो पाया।
भोपाल के दोनों मेट्रो स्टेशन का काम 70% पूरा
भोपाल में सुभाष नगर से एम्स तक आठ मेट्रो स्टेशन बनाए जा रहे हैं। इसमें सुभाष नगर, केंद्रीय विद्यालय, बोर्ड ऑफिस चौराहा, एमपी नगर जोन-2, रानी कमलापति, डीआरएम ऑफिस, अल्कापुरी और एम्स में आठ स्टेशन बनाए जा रहे हैं। इसमें केंद्रीय विद्यालय, बोर्ड ऑफिस चौराहा, एमपी नगर जोन-2, रानी कमलापति स्टेशन पर काम तेजी से चल रहा है। रानी कमलातपि और सुभाष नगर स्टेशन का काम 60 से 70 प्रतिशत तक पूरा हो गया है। हालांकि, एमपी नगर, केंद्रीय विद्यालय और बोर्ड ऑफ स्टेशन पर काम की रफ्तार अभी बहुत धीमी है।
पांच साल पीछे चल रहा प्रोजेक्ट
दोनों ही शहरों में शुरुआत में मेट्रो तीन-तीन डिब्बों के साथ दौड़ेगी। हालांकि, मेट्रो स्टेशन को 6 डिब्बों के अनुसार तैयार किया जा रहा हैं। मेट्रो की शुरुआत के बाद यात्रियों की संख्या बढ़ने पर मेट्रो में डिब्बे बढ़ाए जाएंगे। बता दें, मध्य प्रदेश में डीपीआर के अनुसार वर्ष 2021-22 में मेट्रो शुरू होना थी, लेकिन जरूरी अनुमतियां और कोविड महामारी तथा अन्य कारणों से मेट्रो के काम में शुरूआत में देरी हुई।
दूसरे फेज की डिजाइन का काम शुरू
दूसरे फेज में सुभाष नगर से करोंद के बीच 8.77 किमी मेट्रो लाइन बिछाई जाएगी। इस काम को करने में 1540 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इस रूट पर दो मेट्रो स्टेशन के साथ 3.39 किमी लंबा अंडरग्राउंड रूट होगा। इसकी डिजाइन का काम शुरू हो गया है। इसके पूरा होने के बाद जमीन पर काम शुरू हो जाएगा।