सार
विस्तार
इंदौर में कान्ह नदी का अतिक्रमण हटाने की तैयारी चल रही है। इस मुहिम में नदी के आसपास के दस हजार से अधिक परिवार बेघर हो जाएंगे। कई छोटी बड़ी बस्तियां, निगम के बाजार और दुकानें इसमें आ रही हैं। अब इस मुहिम के विरोध में लोग सड़कों पर उतर आए हैं।
शुक्रवार को राजबाड़ा में सैकड़ों लोग अपने परिवारों के पास पहुंचे। आंदोलन को अपना घर रक्षा समिति के बैनर तले किया गया। इसके संयोजक जीतू कुशवाह ने बताया कि कान्ह नदी बरसाती नदी है। यह कोई देश की प्रमुख नदी नहीं है जहां सरकार आसपास दोनों तरफ 100 फीट का अतिक्रमण हटा रही है। जीतू ने कहा कि कान्ह नदी के आसपास गरीब, लाचार परिवार रहते हैं। एनजीटी के अनुसार इन्हें हटाने का कहा है। यह कई पीढ़ियों से यहां पर रह रहे हैं। इन पर लाखों का कर्ज है। एनजीटी विकास के नाम पर विनाश कर रहा है।
जब हमें इस बात का पता चता तो हमने पीड़ित परिवारों से संपर्क किया और उनकी पीड़ा सुनी। हमें अहसास हुआ की पीड़ितों की आवाज को अब उठाना पड़ेगा। आज हम वहां के सैकड़ों परिवारों के साथ मां अहिल्या को अर्जी लगाने गए थे। इससे पहले हम महापौर से भी मिले हैं। महापौर ने आश्वासन दिया है कि हम कम से कम लोगों के घर हटाने का पूरा प्रयास करेंगे। हालांकि हमें सरकार और प्रशासन की बात पर बिल्कुल विश्वास नहीं है इसलिए हम सड़कों पर उतरे हैं। इस मुहिम में कम से कम दस से 12 हजार परिवार बेघर हो जाएंगे। डेढ़ लाख लोग प्रभावित होंगे। दुकानें, बाजार, निगम की मल्टियां सब टूट जाएंगी।