Hybrid Cars: भारत में हाइब्रिड कारें इलेक्ट्रिक कारों के एक मजबूत विकल्प के रूप में उभर रही हैं। पिछले कुछ महीनों में इन कारों ने खरीदारों के बीच अच्छी पकड़ बनाई है।
हाइब्रिड वाहनों का उदय
बढ़ती मांग को देखते हुए, वाहन निर्माता कंपनियां भी हाइब्रिड तकनीक की ओर तेजी से रुख कर रही हैं। हाइब्रिड कारों में पेट्रोल इंजन के साथ-साथ इलेक्ट्रिक मोटर भी होती है। इनका सबसे बड़ा फायदा है कम ईंधन खपत और सामान्य कारों की तुलना में बेहतर माइलेज। यही कारण है कि यह तकनीक तेजी से लोकप्रिय हो रही है। दिलचस्प बात यह है कि वर्तमान में इलेक्ट्रिक कारों का बाजार हाइब्रिड कारों से बड़ा है, फिर भी हाइब्रिड कारें तेजी से बाजार पर कब्जा कर रही हैं।
हाइब्रिड वाहनों की खासियत
हाइब्रिड वाहन (HEV) एक से अधिक ईंधन विकल्पों के साथ आते हैं। इनमें पेट्रोल या डीजल इंजन के साथ-साथ एक इलेक्ट्रिक इंजन भी होता है। खास बात यह है कि इनकी बैटरी को अलग से चार्ज करने की जरूरत नहीं होती, यह कार के इंटरनल सिस्टम से ही चार्ज हो जाती है। जब गाड़ी बैटरी पर चलती है, तो ईंधन की भी बचत होती है।
हाइब्रिड कारें कम गति पर बैटरी से चलती हैं और गति बढ़ने पर अपने आप पेट्रोल इंजन पर स्विच हो जाती हैं।
हाइब्रिड कारों के फायदे
बेहतर माइलेज: हाइब्रिड कारें इलेक्ट्रिक मोटर के इस्तेमाल से ईंधन की खपत कम करती हैं, जिससे उनका माइलेज सामान्य एसयूवी के 10-12 किमी/लीटर के मुकाबले 22-28 किमी/लीटर तक हो सकता है।
कम रखरखाव: हाइब्रिड कारों की बैटरी को सीएनजी या सामान्य कारों की बैटरी की तुलना में कम रखरखाव की जरूरत होती है।
हल्का वजन: हाइब्रिड कारें हल्के मटीरियल से बनी होती हैं और उनका इंजन भी छोटा और हल्का होता है, जिससे उन्हें चलाने के लिए कम ऊर्जा की जरूरत होती है।
बेहतर रीसेल वैल्यू: बेहतर माइलेज के कारण हाइब्रिड कारों की रीसेल वैल्यू अक्सर पेट्रोल या डीजल कारों से अधिक होती है।
कम रनिंग कॉस्ट: ईंधन की कम खपत के कारण हाइब्रिड कारों की रनिंग कॉस्ट भी कम होती है।
हाइब्रिड कारों की चुनौतियां
कीमत: हाइब्रिड कारें अन्य कारों की तुलना में महंगी होती हैं क्योंकि उनमें एक अतिरिक्त बैटरी होती है।
मेंटेनेंस: हाइब्रिड कारें हाई-टेक होती हैं, इसलिए उनका मेंटेनेंस किसी भी मैकेनिक से नहीं कराया जा सकता। डीलरशिप पर मेंटेनेंस कराना पड़ता है, जो अक्सर महंगा होता है।