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कृषि की पढ़ाई के लिए किसानों से अनुबंध करेंगे कॉलेज, खेत में कराएंगे प्रैक्टिकल, पाठ्यक्रम शुरू

सार

नए सत्र में मध्यप्रदेश के कॉलेजों में कृषि संबंधित पाठ्यक्रम शुरू किया गया है। इसके लिए कॉलेज किसानों से अनुबंध करेंगे और छात्र खेतों में प्रैक्टिकल करेंगे।

विस्तार

नई शिक्षा नीति के तहत कई नए पाठ्यक्रम इस सत्र में शुरू किया जा रहे हैं। इसमें सबसे खास माना जाने वाला बीएससी एग्रीकल्चर का पाठ्यक्रम शुरू किया जा रहा है। पहले सत्र में कॉलेज में 50-50 सीटों पर प्रवेश दिए जाएंगे। इसके लिए कॉलेज अपने स्तर पर किसानों से अनुबंध करेंगे और छात्र-छात्राओं को प्रैक्टिकल के लिए खेतों पर ले जाएंगे। प्रदेश के चार सरकारी और 18 स्वायतशासी कालेजों में बीएससी एग्रीकल्चर का पाठ्यक्रम शुरू होगा।

राजधानी भोपाल स्थित गीतांजलि कॉलेज में इस सत्र से बीएससी एग्रीकल्चर का पाठ्यक्रम शुरू किया जा रहा है। यहां की प्रिंसिपल जयश्री का कहना है कि उनको किसानों से अनुबंध करने की जरूरत नहीं है। उनके पास खुद की जमीन है, जिस पर थोड़ा बहुत खेती भी की जा रही है। साथ ही उनके कॉलेज में आने वाले छात्र-छात्राएं ग्रामीण अंचल से हैं। इसलिए उन्हें अलग से प्रैक्टिकल करने की जरूरत नहीं होगी। हालांकि, उनका कहना है कि अगर जरूरत पड़ी तो किसानों से अनुबंध भी करेंगे।

नूतन कॉलेज में अनुबंध की प्रक्रिया शुरू
इधर, भोपाल के शासकीय सरोजनी नायडू कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय (नूतन) में इस सत्र से बीएससी एग्रीकल्चर का पाठ्यक्रम शुरू किया जा रहा है। इस पाठ्यक्रम के लिए कॉलेज अपने ग्रामीण क्षेत्रों के किसानों से अनुबंध करेंगे और उनके खेतों में विद्यार्थियों से प्रैक्टिकल भी करेंगे। बता दें कि शासन ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत इस सत्र से कृषि पाठ्यक्रम को शुरू करने के निर्देश दिए थे।शासन ने विश्वविद्यालय और कालेजों को निर्देशित किया है कि जिनके पास कृषि के लिए भूमि उपलब्ध नहीं है। कॉलेज ने नवीबाग और सीहोर स्थित कृषि अनुसंधान संस्थान में भी छात्राओं को प्रैक्टिकल कराया जाएगा। साथ ही कॉलेज में भी 500 स्क्वॉयर फीट की जगह छात्राओं के प्रैक्टिकल के लिए तैयार किया जा रहा है। पांच जुलाई को कालेज प्रबंधन किसानों के साथ अनुबंध करेगा।

भोपाल के चार कॉलेज में कृषि पाठ्यक्रम होंगे शुरू
भोपाल के चार कॉलेजों में कृषि पाठ्यक्रम शुरू किया जा रहा है, जिसमें उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान (आईईएचई), एमएलबी कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय, सरोजिनी नायडू कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय और गीतांजलि कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय शामिल है। जानकारी के लिए बता दें कि वर्तमान में उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत आने वाले अभी प्रदेश के तीन परंपरागत विश्वविद्यालय में यह पाठ्यक्रम संचालित किया जा रहा है।

अब शासन के निर्देश के बाद चार अन्य विश्वविद्यालय इंदौर का देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, ग्वालियर का जीवाजी विश्वविद्यालय, रीवा का अवधेश प्रताप सिंह विवि और छतरपुर का महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय और स्वायतशासी कालेजों में शुरू किया जा रहा है। इसमें चार सरकारी और 18 स्वायतशासी कालेजों में भी शुरू किया जा रहा है। हालांकि, मप्र में दो कृषि विवि भी हैं। जबलपुर में जवाहरलाल नेहरु कृषि विवि व ग्वालियर में राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विवि है।