उज्जैन। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि सावन के महीने में धार्मिक स्थलों की बेहतर व्यवस्थाओं की चिंता करना हमारा कर्तव्य है। श्रद्धालुओं के लिए धार्मिक और कार्यक्रम स्थलों पर व्यवस्थाएं अच्छी रहें। मंत्री अपने जिले में निकलने वाली सवारी में शामिल हों। कमिश्नर-कलेक्टर व्यवस्थाएं बनाए रखने के प्रयास करें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि श्री महाकालेश्वर मंदिर में श्रावण-भादौं मास 22 जुलाई से 2 सितम्बर तक मनाया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव श्रावण माह में आयोजित होने वाले त्योहारों की समीक्षा कर रहे थे।
जनजातीय क्षेत्रों से आने वाले नृत्य और सांस्कृतिक दलों के ठहराने की व्यवस्थाओं में कमी न रहे
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सवारी से अच्छे भाव और समरसता का बेहतर संदेश जाता है और उत्साह का वातावरण बनता है। उन्होंने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों से आने वाले नृत्य और सांस्कृतिक दलों के ठहराने की व्यवस्थाओं में कमी न रहे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि उज्जैन में सभी सवारियों की बेहतर व्यवस्थाएं की जाएं। सवारी का आकर्षण अच्छा हो। सवारी में बैंड एवं डमरु दल शामिल हों। इसे विश्व रिकार्ड बनाने का प्रयास करें। महाकाल बाबा की सवारी धूमधाम से निकलने का संदेश जाए। कांवड़ियों के विश्राम करने के लिए शेड बनवाए जाएं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मंदसौर में सवारी निकलने के समय व्यवस्थाएं बेहतर बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जनसुविधाओं का ध्यान रखा जाए। ओंकारेश्वर में माँ नर्मदा का जल प्रवाह तेज रहता है। खंडवा-खरगौन जिले के अधिकारी सुरक्षा की दृष्टि से बेहतर व्यवस्थाएं करें। श्रद्धालुओं को व्यवस्थाओं का आगे भी स्थाई रूप से लाभ मिले। कलेक्टर विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों को भी अच्छा कार्य करने के लिए प्रेरित करें, उन्हें सम्मानित भी करें। सबको विश्वास में लेकर कार्य करें।
बैठक में उज्जैन कलेक्टर ने प्रथम दिवस की सवारी निकलने के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भीड़ व्यवस्थित रही, दर्शन भी ठीक से किए गए। उन्होंने सवारी मार्ग एवं मंदिर की व्यवस्थाओं की जानकारी दी। बैठक में बताया गया कि मंदसौर में पशुपतिनाथ महादेव मंदिर में प्रत्येक सोमवार को 10 हजार से 15 हजार श्रद्धालुओं का आगमन होता है। यहां प्रात: 5 बजे से रात्रि 11 बजे तक दर्शन होते हैं। शिवना नदी पर स्नान घाट बना है। 12 एवं 19 अगस्त को सवारी यात्रा होगी। ओंकारेश्वर में 2 सितम्बर को सोमवती अमावस्या पर अधिक श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। झूलापुल से दर्शन करने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं।