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भस्म आरती में वैष्णव तिलक लगाकर सजे बाबा महाकाल, भांग और डायफ्रूट से किया श्रृंगार

mahakal

सार

विस्तार

विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में आज श्रावण शुक्ल पक्ष की द्वादशी पर शुक्रवार को बाबा महाकाल अपने भक्तों को दर्शन देने के लिए रात 3 बजे जागे। भस्म आरती के पहले वीरभद्र और मानभद्र से आज्ञा लेकर और घंटी बजाकर सबसे पहले चांदी द्वार खोला गया। गर्भग्रह में भगवान का जलाभिषेक और पूजन दर्शन कर श्रृंगार किया गया, उसके बाद भस्म आरती की गई।

विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित महेश शर्मा ने बताया कि श्रावण शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि पर आज सुबह 3 बजे भगवान वीरभद्र की आज्ञा लेकर मंदिर के पट खोले गए। जिसके बाद सबसे पहले भगवान का शुद्ध जल से स्नान और पंचामृत स्नान करवाने के साथ ही केसर युक्त जल अर्पित किया गया। आज के श्रृंगार की विशेषता यह रही कि द्वादशी पर बाबा महाकाल का वैष्णव तिलक लगाकर श्रृंगार किया गया। जिसके बाद महानिर्वाणी अखाड़े की ओर से भस्म अर्पित की गई। इस दौरान पूरा मंदिर परिसर जय श्री महाकाल की गूंज से गुंजायमान हो गया।

पांच व्हीलचेयर दान की
श्री महाकालेश्वर मंदिर मे बेंगलुरु से पधारे अरुण धती द्वारा पं. पियूष चतुर्वेदी, पं.विपुल चतुर्वेदी की प्रेरणा से 5 नग व्हीलचेयर मंदिर समिति सदस्य पं.राजेंद्र गुरुजी की उपस्तिथि में दान की गई। श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के समिति सदस्य राजेन्द्र शर्मा गुरुजी द्वारा रसीद प्रदान कर दानदाता का सम्मान किया गया।