सार
विस्तार
खरगोन के समीप नर्मदा तट किनारे भट्यान गांव के आश्रम में रहने वाले संत सियाराम बाबा की हालत स्थिर है। गत दिनों वे निमोनिया से पीडि़त होने के बाद अस्पताल में भर्ती थे। छह दिन पहले ही अस्पताल से उनकी छुट्टी हो गई और वे फिर से भक्तों से मुलाकात करने लगे थे, लेकिन दो दिन से फिर उनका स्वास्थ्य बिगड़ गया। इसकी जानकारी मिलने के बाद बड़ी संख्या में भक्त आश्रम पहुंच रहे है और खिड़की से उनके दर्शन कर रहे है। आश्रम में भक्त बाबा के लिए जाप भी कर रहे है।
डिस्चार्ज के समय भी तबीयत ठीक नहीं थी
सियाराम बाबा को अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया था, डाक्टर उन्हें डिस्चार्ज करने के पक्ष में नहीं थे,लेकिन बाबा के आश्रम जाने की जिद के कारण उन्हें छुट्टी दे दी गई। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने डाक्टरों को उनके स्वास्थ्य पर नजर रखने और चेकअप के निर्देश दिए हुए थे। डाक्टरों की टीम शनिवार को भी आश्रम में पहुंच गई।
12 वर्षों तक मौन धारण किया
संत सियाराम बाबा ने नर्मदा किनारे अपने आश्रम बनाया। उनकी उम्र 100 साल से ज्यादा है। बाबा ने बारह वर्षों तक मौन भी धारण कर रखा था। जो भक्त आश्रम में उनसे मिलने आता है और ज्यादा दान देना चाहता है तो वे इनकार कर देते है।
वे सिर्फ दस रुपये का नोट ही लेते है। उस धनराशि का उपयोग भी वे आश्रम से जुड़े कामों में लगा देते है। बाबा ने नर्मदा नदी के किनारे एक पेड़ के नीचे तपस्या की और बारह वर्षों तक मौन रहकर अपनी साधना पूरी की। मौन व्रत तोड़ने के बाद उन्होंने पहला शब्द सियाराम बाबा कहा तो भक्त उन्हें उसी नाम से पुकारने लगे। हर माह हजारों भक्त उनके आश्रम में आते है।