प्रकाश त्रिवेदी की कलम से

*साहब दौरे पर है .. *

आलीशान होटल शानदार गाड़ी और मातहतों की आवभगत की प्रत्याशा में भोपाल के बड़े साहिबान आजकल सिंहस्थ कार्यो की मॉनिटरिंग के उज्जैन के दौरे पर है।
सुबह की सैर से लेकर डिनर तक दौरा जारी है। वातानुकूलित कक्ष से मॉनिटरिंग हो रही है। हर घंटे ठंडा गरम हाजिर है। मातहत फ़र्ज़ी आंकड़े पेश करते है साहब तत्काल उसे भोपाल फॉरवर्ड कर देते है । सब ठीक हो जायेगा की थ्योरी पर काम हो रहा है।
सरकार के आदेश से बड़े साहिबान आ तो गए है पर किसी ने भी मेला क्षेत्र में आकस्मिक निरिक्षण की जेहमत नहीं उठाई है। इतनी शिकायतों के बाद भी साहब मौके पर नहीं पहुंचे है। सब कुछ ऑन लाइन हो रहा है।
संत पानी के लिए तरस रहे है प्रभारी मंत्री काबीना मंत्री सब मेला क्षेत्र में घूम रहे है पर साहिबान होटल से ही काम चला लेते है। गाहे बगाहे मेला कार्यालय या किसी विशिष्ठ केम्प में हाजरी दे देते है ।
पता नही क्यों साहबो को किसी का डर नहीं है मेले की चिंता का तो प्रश्न ही नहीं है। प्रशासनिक असंवेदनशीलता का इससे बड़ा कोई उदाहरण नहीं है।
साधु संतो की समस्याओ के लिए साहब के पास समय नहीं है सिर्फ बैठक करो मातहतों को हड़काओ और चलते बनो।
सरकार भले ही चिंता में दुबली हो रही हो पूरा संगठन लगा हो पर वल्लभ भवन के साहब लोगो को कोई चिंता नहीं है।
उज्जैन आना उनके लिए देव दर्शन से ज्यादा कुछ नहीं है।
यदि साहब लोग दस बीस केम्पो का दौरा करते और मौके पर ही आदेश निर्देश देते तो नज़ारा बदल सकता था। लगता है साहब लोगो को इल्म हो गया है कि सिंहस्थ के बाद पूर्व अनुभव के अनुसार प्रशासनिक और राजनीतक बदलाव होना ही है।