उज्जैनविशेषसाक्षात्कार

श्री चन्दन सौरभ महाराज से प्रणामी धर्म के बारे में विशेष चर्चा …..

interview :
samacharline {aditya} : प्रणामी धर्म के बारे में बताइए ?

श्री चन्दन सौरभ : प्रणामी धर्म प्रणाम बोलने वालो का धर्म है | जो श्री हमारे प्रमुख संत श्री प्राणनाथ जी को मानता है , वो प्रणामी है | प्रणामी समाज एक ही ईश्वर परमात्मा, अक्षरातीत में विश्वास करता है एवं परमधाम के अस्तित्व को मानता है |

samacharline : प्रणाम क्यों बोलना चाहिए ? इसके क्या फायदे है ?

श्री चन्दन सौरभ : प्रणाम बोलने से आयु, विद्या, यश और बल की प्राप्ति होती है एवं वृद्धि होती है |प्रणाम अभिवादन करने क लिए अति-उत्तम शब्द है |

samacharline : प्रणामी धर्म में ऐसा जो इसे अन्य धर्मो से अलग करता है ? इसकी विशिष्टता, उत्कृष्टता क्या है ?

श्री चन्दन सौरभ : देखिये,सब जानते तो है की सबका मालिक एक ही है ! पर हर धर्म ने अपना अपना एक मालिक बन रखा है | श्री कृष्ण प्रणामी धर्म मानता है कि श्री कृष्ण जो अक्षरातीत है , हम कृष्ण को ही उत्तम पुरुष मानते है , गीता भी ऐसा ही कहती है | अर्थात श्री अक्षरातीत श्री कृष्ण ही मालिक है पुरे संसार के , बाकि सारे धर्मो के प्रचारक , संत, देव , गुरु, सब उसी ईश्वर के दूत है , अंश है , अवतार है , कार्यकर्ता है | प्रणामी धर्म ऐसा मानता है और ये बात प्रमाणित है शास्त्रों में भी कृष्ण को जगत गुरु कहा गया है |

samacharline : प्राणनाथ जी (प्रणामी धर्म के संस्थापक ) का अवतरण क्यों हुआ ? उन्होंने लोगो को क्या सन्देश दिया ?

श्री चन्दन सौरभ : सब अपने अपने ईश्वर मानने लग गए थे | कोई कृष्ण, कोई राम, कोई अल्लाह तो कोई ईसा मसीह को | प्राणनाथ जी का उद्देश्य था कि लोगो का एक ईश्वर अक्षरातीत , उत्तम पुरुष से परिचय कराना | लोगो को ब्रह्म ज्ञान के बारे में बताना , श्री राज जी ही परमात्मा का मूल है , जड़ चेतन का मूल है , वाही एक ईश्वर है , यह उन्होंने लोगो को बताया | वे सभी धर्मो के मूल को साथ लेकर चले एवं लोगो को जाग्रत किया , जगाया, ब्रह्म आत्मयो को जगाया |