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पंडित रुद्रांश त्रिवेदी : छोटी सी उम्र में पंडिताई …. है तीनो वैष्णव अखाड़ों के तीर्थ पुरोहित के बेटे

पंडित रुद्रांश त्रिवेदी ….. नाम भी धार्मिक है …. ब्राह्मण है …. बुद्धिमान है …. पंडित है ….

तीनो वैष्णव अखाड़े – निर्मोही अणि, निर्वाणी अणि , दिगंबर अणि … के तीर्थ पुरोहित … {बड़ी पदवी है …} के बेटे रुद्रांश त्रिवेदी हमें शाही स्नान (अक्षय तृतीया ) वाले दिन रामघाट पर पूजा करते हुए मिले | हमारी उत्सुकता ने उनसे हमारी पहचान करा दी | पूछने पर बताया कि उन्हें इसमें दिलचस्पी है इसीलिए करते है ,… पापा के कहने पर नहीं | वे कक्षा में पढ़ते है | सिंहस्थ में उन्हें बहुत आनंद आ रहा है … उनका पहला सिंहस्थ जो है | वे पढ़ाई के साथ साथ पूजा पाठ एवं पंडिताई भी कर लेते है …. उनके लिए यह आनंद का विषय एवं पेशा है …… ! बात आज के युग की की जाये तो आजकल तो बड़े लोग [उम्र में बड़े लोग ] भी पूजा नहीं करते … बड़े जो है .. मॉडर्न भी है .. भगवान में उनकी दिलचस्पी कहा .. स्वार्थवश भगवान् को पुकारा जाता है | हमे इस बालक से सीखने को मिलता है कि उम्र चाहे कितनी भी हो भगवान् में आस्था हमेशा बनी रहनी चाहिए | .