प्रकाश त्रिवेदी की कलम सेमध्य प्रदेश

“बाबूराज”से परेशान है भाजपा के विधायक।

मध्यप्रदेश में बाबूराज से खुद भाजपा के ही विधायक परेशान है। विधानसभा में अपनी ही सरकार से सबसे ज्यादा असहज सवाल भाजपा के ही विधायको ने पूछे है।

सरकार के मंत्रियों से ज़बाब से भी सबसे ज्यादा असंतुष्ट भाजपा के विधायक ही है। आज विधानसभा में पार्टी के वरिष्ठ विधायक डॉ. राजेन्द्र पाण्डे शिक्षा विभाग से सम्बंधित सवाल के जवाब पर नाराज दिखे। उनके विधानसभा क्षेत्र में शिक्षा विभाग के निर्माण
कार्यो के अधूरे रहने पर उनकी नाराजगी सदन में प्रकट हो गईं।
यह केवल एक बानगी है भाजपा के अधिकांश विधायक सरकार की कार्यप्रणाली से नाराज है।
मुख्यमंत्री को लेकर उनकी नाराजगी नहीं है। उनकी नाराजगी मंत्रियों और अफसरों से है। उनके काम नहीं हो रहे है। उनके द्वारा प्रस्तुत प्रस्तावों पर निर्णय नहीं हो रहे है। मंत्री और सचिव फाईले दबाकर बैठ जाते है। बेचारे विधायक भोपाल के चक्कर लगाते रहते है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिह ने सभी मंत्रियों और अफसरों को समयसीमा में काम निबटाने की ताकीद की है लेकिन इस पर अमल नहीं हो रहा है।
विधायक वल्लभ भवन से जितने परेशान है उतने ही कलेक्टर और पुलिस प्रशासन से दुःखी है। सीधे भोपाल से तार जोड़कर पदस्थापना कराने वाले अफसर विधायको को घास नहीं डाल रहे है।
अनेक जिलो में विधायको के प्रोटोकाल का पालन नहीं हो रहा है। उनके द्वारा बुलाई बैठको में जूनियर अफसर भी बमुश्किल हाजिर होते है।
पुरे प्रदेश में बाबूराज का आलम है। संगठन में बैठको में इस विषय पर बात तो होती है पर अब तक कोई कारगर हल नहीं निकला है।
शिवराज जनता के मोर्चे पर अव्वल है। योजनाऍ भी बहुत लाए है। पर उनका अमल और जमीनी असर नजर नहीं आ रहा है।
ढाई साल में पहली बार विधानसभा शांतिपूर्ण तरीके से चल रही है इसका परिणाम है कि सदन में प्रश्नोत्तर काल में विधायको की नाराजगी रह रह कर सामने आती रहती है।
प्रकाश त्रिवेदी @ SamacharLine