प्रकाश त्रिवेदी की कलम सेमध्य प्रदेश

“शिव” की बाढ़ लीला-जाकी रही भावना जैसी।

सरकार(शिवराज सिंह) का गोदी में फोटो क्या वाइरल हुआ भाई लोगों ने कोहराम मचा दिया। ससुरा सोशल मीडिया शिव की बाढ़ लीला में रम गया। नगर सैनिको की गोदी में सरकार के फोटो ने भावनाओं की बाढ़ ला दी।

सरकार के साथी बैचेन हो गए,कांग्रेस के भाई सोशल मीडिया पर चिल्लपो मचाने लगे। दिल्ली में मोदी सरकार एम् पी में गोदी सरकार के नारे लगने लगे। लगे हाथ सरकार का जूता उठाए सुरक्षाकर्मी का फोटो भी आ गया।
गोद में सरकार,सुरक्षा के हाथ में जूता,यह सब “शिव”की बाढ़ लीला के आख्यान है।
आख्यान आए तो भावनाए भी बह निकली। खूब चाटखरे चल रहे है। पक्ष विपक्ष में शब्द संघर्ष जारी है,कुछ अपने भी सरकार से नाराज़ है उन्हें इस दृश्य में व्यापमं की गिरफ़्तारी नज़र आ रही उनका मानना है यह रिहर्सल है सीन आना बाकी है।
सरकार चुप है मंद मंद मुस्करा रहे है। नगर सैनिकों को इनाम देने की सोच रहे है,भले ही कलेक्टर और जनसम्पर्क के लोगों को सजा मिल जाए पर पन्ना में जिसने भी यह चित्र लिया है उसने बाढ़,राहत,और आपदा प्रबंधन को पीछे छोड़ दिया है।
सरकार का महकमा इस चित्र के मनोवैज्ञानिक असर का आकलन कर रहा है। सरकार दर्शन शास्त्र में इसके अर्थ तलाश रहे है। कांग्रेस खूब चटखारे ले रही है। सरकार से पीड़ित इस दृश्य को अपनी भाव भंगिमा से एडिट कर रहे है। सरकार फिर भी चुप है। 50 किलो राशन और राहत के नाम पर नकदी शिव की बाढ़ लीला में बात्सल्य रस घोल ही देंगे।
बहरहाल सरकार की लीला जारी है पन्ना में जूते गीले होने की चिंता करने वाले सुरक्षा के मापदंड आज उज्जैन में सरकार को महाकाल की सवारी में नंगे पैर चलने की अनुमति देंगे यही तो शिव लीला है जो महाकाल में साधना बन जायेगी।

प्रकाश त्रिवेदी @samacharline