देशप्रकाश त्रिवेदी की कलम सेभोपालमध्य प्रदेशहोम

रघु जी की चिट्ठी से भाजपा में सकपकाहट।

भोपाल। नोटबंदी को लेकर भाजपा का असमंजस अब मुखर होने लगा है। भाजपा के वरिष्ठ नेता रघुनन्दन शर्मा ने मोदी और अमित शाह को चिट्ठी लिखकर भाजपा के सभी नेताओं की संपत्ति सार्वजानिक करने की मांग की है। रघु जी की चिट्ठी ने प्रदेश के भाजपा नेताओं की सकपकाहट बड़ा दी है। रघु जी के निशाने पर कौन कौन है इसको लेकर खूब चटखारे लिए जा रहे है।
गौरतलब है हमेशा साफगोई से अपनी बात कहने वाले रघु जी लंबे अरसे तक पार्टी कार्यालय सम्भाल चुके है उन्हें भाजपा के हरेक छोटे बड़े नेता की आर्थिक,राजनीतिक हैसियत पता है कईयो को उन्होंने रंक से राजा बनते देखा है।
उल्लेखनीय है कि पूर्व में भी रघु जी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की घोषणा वीरता पर सवाल उठा चुके है।
रघु जी जमीन से जुड़े कुशल संगठक है उन्होंने भाजपा के उत्थान में निजी तौर पर आहुतियां दी है। स्वयं की संपत्ति जाहिर करके उन्होंने नैतिक पहल की है।भाजपा के कार्यकर्ताओं की कार्यशैली और जीवन शैली में अचानक आये बदलाव से वे भी आहत है। पद और सत्ता के असर से भाजपा के मूल चरित्र पर सवाल खड़े किए है।
रघु जी की चिट्ठी के निशाने पर संगठन और सत्ता के कतिपय नेता है या वे भाजपा नेतृत्व को व्यक्तिगत शुचिता की याद दिलाना चाहते है। 13 साल की भाजपा सरकार में अनेक रंक राजा बन गए है,विचारधारा के स्थान पर पाद प्रक्षालन,चरण चुम्बन और दलाली योग्यता बन गयी है। मंत्रियो से लेकर अधिकांश जनप्रतिनिधि आकंठ तक भ्रष्ठाचार में डूबे है। मोदी जी की नोटबंदी का सबसे ज्यादा असर भी इन नेताओं पर पड़ा है,ये दबे जुबान मोदी जी को भलाबुरा भी कह रहे है।
बहरहाल रघु जी की चिट्ठी ने ब्रांडेड कुर्ते पहनकर महंगे वाहनों में घूमने वाले ,तथा सत्ता संगठन की आड़ में बेहिसाब संपत्ति बनने वाले नेताओं में सकपकाहट बड़ा दी है लेकिन उन्होंने भाजपा के आम कार्यकर्त्ता के मन एक बार फिर जीत लिया है।

प्रकाश त्रिवेदी@samacharline