देशप्रकाश त्रिवेदी की कलम से

नोटबंदी से कश्मीर के अलगाववादी हलाकान ।

jammu and kashmir ।

नोटबंदी से परेशानी के तमाम किस्से कहानियो के बीच कश्मीर से भी नोटबंदी से अलगाववादी के हलाकान होने की खबरें आ रही है। नकली नोटों का सर्वाधिक प्रचलन यहाँ होने से बैंको में भी नोट बदलने के लिए नहीं आ रहे है। ख़ुफ़िया सूत्रों के अनुसार नोटबंदी ने अलगाववादियों की कमर तोड़ दी है। अब कश्मीर में हालात सामान्य होते जा रहे है,बाजार और स्कुल खुल गए है। नकली करेंसी की मार आम कश्मीरी भी झेल रहे है।

कश्मीर मामले के जानकार और वही के बाशिंदे असद वानी बताते है कि मोदी के इस कदम से घाटी में नकली नोटों की समान्तर अर्थव्यवस्था धराशायी हो गयी है।

गौरतलब है कि अलगाववादियों को पाकिस्तान से नकली करेंसी में ही मदद मिलती है अब इसके प्रचलन से बाहर होने के बाद अलगाववादियों के लिए धरने प्रदर्शन करना मुश्किल हो गया है,9 तारीख के बाद अचानक कश्मीर के हालात में आए परिवर्तन भी इसकी पुष्टि करते है।

अलगाववादी इस नकली करेंसी को बैंको में बदला भी नहीं सकते है। केंद्रीय ख़ुफ़िया एजेंसिया यहाँ बैंको, बाजारों तथा अलगाववादी नेताओं पर लगातार नज़र रखे हुए है।

श्रीनगर के व्यापार और कश्मीर के पर्यटन उद्योग पर भी नोटबंदी का असर तारी है । बहरहाल देशवासी भी परेशानी झेल रहे है लेकिन सकून है आतंक के गढ़ में भी असर दिखने लगा है।

कश्मीर में पत्थरबाजी भी बिलकुल बंद हो गयी है | कश्मीर के युवायों को पैसो की लालच देकर जो आतंकी संगठन विरोध प्रदर्शन करवाया करते थे वो अब क्यों बंद है ? जाहिर है इसका कारण नोटबंदी ही है | नकली नोटों का प्रवाह अब उनके पास नही जा रहा जिससे वो कश्मीर के युवायो एवं बालको को पत्थरबाजी करे के लिए पैसे दे सके |

आशा करते है की हालात ऐसे ही सामान्य  रहे और आदि इस विषय पर और भी कठोर निर्णय लें और कश्मीर को जनता को विरोध-प्रदर्शन आदि से मुक्त एवं सुखों से जीवन यापन करने का हक़ मिले |

कश्मीर को राहत
कश्मीर को राहत

प्रकाश त्रिवेदी@samacharline