प्रकाश त्रिवेदी की कलम सेभोपालमध्य प्रदेशशहडोल

मध्यप्रदेश कांग्रेस में भारी फेरबदल की कवायद।

भोपाल। रस्सी जल गईं है लेकिन बल नहीं गए है कि तर्ज पर प्रदेश कांग्रेस में ब्लॉक लेवल से लेकर जिला स्तर तक व्यापक फेरबदल की कवायद जारी है। प्रदेश की टीम में भी बड़ा उलटफेर होगा।
अंदरखाने की खबर के अनुसार प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव को कांग्रेस आलाकमान ने एक हद तक खुली छूट दे दी है। श्री यादव ने विगत दो दिन में अपने सहयोगियों के साथ गहन विचार विमर्श के बाद तीन सूचियां तैयार की है। एक सूची में जिला अध्यक्षो के नाम है,दूसरी में ब्लॉक अध्यक्षो के नाम है तीसरी में प्रदेश की संभावित टीम के नाम है।
आलाकमान प्रदेश प्रभारी मोहन प्रकाश से साफ साफ कहा है कि किसी हालात में प्रदेश में कांग्रेस की हालत ठीक होना चाहिए।
शहडोल और नेपानगर की हार के बाद नोटबंदी को लेकर भी कांग्रेस बैकफुट पर है।
शहडोल में कमलनाथ और नेपानगर में अरुण यादव शिवराज का मुकाबला नहीं कर पाए है।
विधानसभा में भी कांग्रेस बिखरी बिखरी नजर आयी है। नेता प्रतिपक्ष का चयन नहीं कर पाने पर भी पार्टी की खूब आलोचना हुई है।
प्रदेश में कांग्रेस 1977 और 1990 जैसी स्थिति में पहुँच गई है। 1980 में अर्जुन सिंह और 1990 के बाद दिग्विजय सिंह ने जैसी मेहनत की थी वैसा कोई चेहरा दिखाई नहीं दे रहा है। अरुण यादव जमीनी लड़ाई में दमदारी नहीं दिखा पा रहे है।
प्रदेश में जिला एवं ब्लॉक स्तर पर निष्क्रिय टीम है अरुण यादव अर्से से इसमें बदलाव् की मांग करते रहे है लेकिन दिग्गज नेताओं के दबाव में उनकी मंशा पूरी नहीं हो सकी है। अब शहडोल और नेपानगर के बाद कांग्रेस आलाकमान ने यादव को फ्री हैंड देने का मन बना लिया है।
अरुण यादव् दिल्ली में लिस्ट लेकर मोहन प्रकाश के साथ समन्वय बनाने की कोशिश में है।
बहरहाल दम तोड़ती कांग्रेस के लिए कौन संजीवनी लाता देखना है।
प्रकाश त्रिवेदी@samacharline