देशप्रकाश त्रिवेदी की कलम से

यूपी चुनाव- मुख्यमंत्री के लिए भाजपा में लॉबिंग शुरू।

लखनऊ। गांव बसा नहीं,और लुटेरे आ गए कहावत की तर्ज पर भाजपा में उत्तरप्रदेश का मुख्यमंत्री कौन हो इसके लिए अंदरखाने कवायद शुरु हो गयी है। सपा-कांग्रेस और बसपा में तो मुख्यमंत्री तय है लेकिन भाजपा मोदीं के नाम पर चुनाव लड़ रही हैं।
अब सिर्फ पूर्वांचल का चुनाव बचा है जीत हार का गणित लगाया जा रहा है। इसी के साथ मुख्यमंत्री बनने की मुहिम भी जोरों पर है।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य सबसे आगे है। ओबीसी नेता के रूप में आगे लाए गए मौर्य मोदीं-शाह की पहली पसंद है। उन्हें संघ से भी समर्थन हासिल है। जीत की सम्भावना देखते हुए मौर्य की टीम ने तैयारियां शुरू कर दी है।
योगी आदित्यनाथ के लिए सबसे ज्यादा कवायद हो रही है। सोशल मीडिया पर उनके पक्ष में अभियान चल रहा है। विहिप का एक तबका उनके लिए संघ में लॉबिंग कर रहा है।
राजनाथ सिंह 2002 की करारी हार भूल नही पाए है। उनकी तिरछी नज़र भी लखनऊ की कुर्सी पर है। दिल्ली में वैसे मोदी की मौजूदगी में वे खुद को असहज पाते हैं। उन्हें संघ और भाजपा के सभी बड़े नेताओं का स्वभाविक समर्थन प्राप्त है। दिल्ली से लखनऊ का सफर उन्हें आरामदायक लगता हैं।
उमा भारती शिवरात्रि के दिन महाकाल से प्रार्थना कर आयी है।
उनके पास अनुभव और ऊर्जा दोनों है। मौर्य के लिए यदि अड़चन आयी तो मोदी-शाह की पसंद उमा भारती हो सकती है।
स्मृति ईरानी,कलराज मिश्र,भी नाम चलवा रहे है।
11 मार्च को यदि भाजपा सत्ता में आती है तो मुख्यमंत्री के लिए पहली पसन्द मौर्य ही होने वाले है।
प्रकारांतर से उत्तरप्रदेश की सत्ता मोदी अपने पास ही रखना चाहेंगे।
बहरहाल अभी लड़ाई खंदक की है। सब कुछ सूत न कपास जुलाहों में लठमलट्ठा की तर्ज पर हो रहा हैं।

प्रकाश त्रिवेदी@samacharline