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साहब बने शिक्षक ,दिए निर्देश वेतन काटने के

कलेक्टर बने हिन्दी के शिक्षक
दिए निर्देश वेतन काटने के
देवास। कलेक्टर आशीष सिंह ने टोंकखुर्द ब्लॉक के गांवों का भ्रमण किया। भ्रमण के दौरान उन्होंने विद्यालयों और आंगनवाड़ी केंद्रों का निरीक्षण किया। साथ ही गांव में चौपाल लगाकर ग्रामीणों से चर्चा की। उन्होंने निरीक्षण के दौरान लापरवाही पाए जाने पर संबंधित कर्मचारियों को मौके पर ही दंडित भी किया।

फोटो- कलेक्टर ने टोंकखुर्द ब्लॉक का भ्रमण (3)
कलेक्टर साहब ने क्लास लगाई
कलेक्टर आशीष सिंह ग्राम कन्हेरिया में प्राइमरी स्कूल का निरीक्षण किया। वहां महज 7 बच्चे ही उपस्थित पाए गए। उन्होंने कक्षाओं में कम उपस्थिति पर नाराजगी जाहिर की। कलेक्टर ने कक्षा पांचवी में क्लास भी लगाई। कक्षा पांचवी में उन्होंने गणित के सवाल ब्लैक बोर्ड में अंकित किए। छात्र सुदामा ने गणित का जोड़ सही बताया। कलेक्टर ने बच्चों की कम उपस्थिति और गणवेश में नहीं आने पर इसे शिक्षकों की लापरवाही बताया और शिक्षकों के वेतन काटने के निर्देश दिए।
लापरवाही पर जताई नाराजी
कलेक्टर ने गांव की आंगनवाड़ी केंद्र का निरीक्षण भी किया। ग्राम पंचायत द्वारा निर्मित कक्ष में लग रही आंगनवाड़ी में बच्चों के जाने के लिए ना तो सीढ़ी मिली और ना ही रैम्प मिला। कलेक्टर ने महिला एवं बाल विकास कि इस लापरवाही पर कड़ी नाराजगी जाहिर की। आंगनवाड़ी में 40 बच्चे दर्ज थे। लेकिन महज 8 ही उपस्थित थे। कलेक्टर ने मौके पर उपस्थित महिला बाल विकास के कार्यक्रम अधिकारी सुनीता यादव को इस लापरवाही पर नाराजगी जाहिर की। सीडीपीओ और संबंधित आंगनवाड़ी कार्यकर्ता का एक सप्ताह का वेतन काटने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने आंगनवाड़ी केंद्र में रेड जोन के एक भी बच्चे नहीं मिलने पर भी नाराजगी जाहिर की।
वेतन काटने के दिए निर्देश
कलेक्टर ने गांव में मिडिल स्कूल का भी निरीक्षण किया। कक्षा 7 में महज 6 बच्चे भी उपस्थित थे। कलेक्टर ने दोनों शिक्षकों का 7 दिन का वेतन काटने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने हिंदी की पढ़ाई भी स्थिति की जानकारी ली। गांव में आंगनवाड़ी केंद्र में उन्होंने एएनएम की शिकायत मिलने पर 15 दिन का वेतन काटने के निर्देश दिए। कनेरिया गांव में कलेक्टर ने मंदिर प्रांगण में चौपाल लगाई और किसानों से चर्चा की। किसानों ने बताया कि उन्हें खसरा की नकल घर बैठे मिल गई है। कलेक्टर ने राजस्व विभाग के इस कार्य पर एसडीएम सोनकच्छ नीरज खरे को शाबासी दी।