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शनिचरी अमावस्या के बाद बन रहा विशेष योग 23 नवंबर से गूंजेगी शहर में शहनाइयां

ज्योतिष प्रणिता बागलीकर
देवास। देवउठनी के बाद वैवाहिक कार्यक्रम नहीं हो सके। अब 23 नवंबर से विवाह के शुभ लग्न प्रारंभ हो रहे हैं शादी विवाह नजदीक आते ही बाजार में इसकी चहल पर दिखाई देने लगी है बताया जा रहा है कि 23 नवंबर को शादी का बड़ा लग्र है ।
सूर्य अपने मित्र राशि वृश्चिक में 1 माह के लिए 16 नवंबर को प्रवेश करेंगे। मास शिवरात्रि रहने से यह दिन विवाह जैसे मांगलिक कार्य के लिए विशेष रहेगा सूर्य की वृश्चिक राशि में प्रवेश करने से 2 दिन बाद 18 नवंबर को शनिचरी अमावस्या रहेगी ऐसा योग कई वर्षों बाद बन रहा है. सूर्य अपनी नीच राशि तुला में चल रहा है.सूर्य 16 नवंबर को तुला राशि से अपनी मित्र राशि वृश्चिक में प्रवेश करेगा सूर्य का वृश्चिक राशि में प्रवेश करने के साथ ही विवाह , ग्रह प्रवेश के अलावा अन्य शुभ कार्य शुरु हो जायेंगे। ज्योतिषों के मुताबिक आत्मकारक ग्रह सूर्य साल के 12 महीनों में अलग-अलग 12 राशि में प्रवेश करता है. किसी राशि में सूर्य का प्रवेश आम जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित करता है तो किसी राशि में प्रवेश से लोगों को सकारात्मक परिणाम मिलते हैं वृश्चिक में सूर्य का प्रवेश शुभ माना जाता है सूर्य वश्चिक राशि में 16 नवंबर को दोपहर 12.20 बजे प्रवेश करें इसी दिन मास की शिवरात्रि भी पड़ रही है ऐसे में नवंबर दिसंबर के बीच शादियों के सबसे बेहतर मुहूर्त बन रहे हैं।
हिंदू धर्म शास्त्रों के मुताबिक वृश्चिक मंगल प्रधान राशि है उसमें सूर्य की युति होने से विवाह के मार्ग खुलते हैं नवंबर-दिसंबर के बीच शुभ संयोग में हुई शादियों से दांपत्य जीवन में सुख और लाभ की स्थिति बनती है नवंबर और दिसंबर माह में 16 विवाह के मुहूर्त फरवरी और मार्च में 4.4 विवाह के शुभ मुहूर्त है।