उज्जैनदेशप्रकाश त्रिवेदी की कलम सेमध्य प्रदेश

अंग्रेजी साल के आखिरी दिन “हिंदुस्तान” पर चिंतन करेगा संघ का शिखर नेतृत्व।

उज्जैन। देश,समाज,राजनीति,सरकार और हिंदुत्व पर अंग्रेजी साल के आखिरी दिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का शिखर नेतृत्व संघ प्रमुख डॉ. मोहन भागवत की उपस्तिथि में गहन विचार विमर्श और चिंतन करेगा। उज्जैन में हो रही इस महती बैठक में पहले दिन संघ प्रमुख सहित केवल 6 लोग ही शामिल होंगे।
यह समन्वय बैठक समाज जीवन से जुड़े विषयों को लेकर है। 31 दिसम्बर से 4 जनवरी तक चलने वाली इस बैठक में कुल 34 लोग ही शामिल होने वाले है।
संघ सूत्रों के अनुसार बैठक में संगठन, सरकार और विचार परिवार की कार्यप्रणाली, योजनाओँ, उनका क्रियान्वयन तथा समाज पर प्रभाव जैसे गंभीर मुद्दों पर गहन चर्चा होगी तथा संबंधित संगठनों से जबाब तलब किया जायेगा।
उल्लेखनीय है कि विगत गुरुवार और शुक्रवार को दिल्ली के आर्थिक विषयों पर इस तरह की समन्वय बैठक हो चुकी है। जिसमे सरकार की अर्थ नीति की समीक्षा की गई है। जीएसटी में सुधार के बाद अब सरकार को भारतीय मजदूर संघ की चिंताओं पर ध्यान देने की सलाह दी गई हैं।
उज्जैन में गुजरात चुनाव के बाद उपजी संगठन की चिंताओं को लेकर भाजपा से सवाल जबाब हो सकते है,भाजपा के संगठन महामंत्री रामलाल बैठक में शामिल होंगे। वे भाजपा का पक्ष रखेगे।
सूत्रों के अनुसार शिक्षा नीति,धर्मांतरण,तीन तलाक पर कानून बनाने से नफे नुकसान पर भी चर्चा होगी।
सूत्रों के अनुसार बैठक संघ की पद्धति के अनुसार केंद्र से परिधि मॉडल में विस्तारित होती जाएगी। अधिकतम 34 लोग ही इस समन्वय बैठक में अपेक्षित है।
संघ प्रमुख डॉ. मोहन भागवत पांच दिन मार्गदर्शन के लिए बैठक में शामिल होंगे। 4 जनवरी को वे बैठक स्थल पर भव्य भारत माता मन्दिर का लोकार्पण करेंगे। उनके साथ साध्वी ऋतुम्बरा भी लोकार्पण समारोह में शामिल होगी। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह भी कार्यक्रम में उपस्थित रहेंगे।
बहरहाल नए साल में उज्जैन की सरजमीं से जहाँ संघ के नए आयाम तय होंगे वही 5 जनवरी से होने वाले शैव महोत्सव में होने वाला बारह ज्योतिर्लिङ्ग समागम भी देश व्यापी चर्चा का विषय रहेगा।

प्रकाश त्रिवेदी@samacharline.com