उज्जैनदेवासदेशमध्य प्रदेश

डीपीसी की कार्यप्रणाली पर उठ रहे सवाल …………. भरी बैठक में उठ कर चल दिये…. डीपीसी की निलंबन की मांग मुख्यमंत्री से की जावेगी……!!

डीपीसी की कार्यप्रणाली पर उठ रहे सवाल ………….
भरी बैठक में उठ कर चल दिये….
डीपीसी की निलंबन की मांग मुख्यमंत्री से की जावेगी……!!
अमित बागलीकर
देवास। जिला पंचायत कार्यालय जहाँ कई दिनों से डीपीसी पर महिला कर्मियों से गलत व्यवहार का आरोप लगाया जा रहा है। जिला पंचायत अध्यक्ष ने कहा कि कार्यालय में उनका कार्य शैली के तहत नहीं है। उनकी आये दिन शिकायत लगातार मिलती जा रही थी। जिस पर जिला पंचायत अध्यक्ष ने आज हुई बैठक में डीपीसी से नारजगी व्यक्त करते हुए निलंबित करवाने की बात कही। शुक्रवार को जिला पंचायत कार्यालय में साधारण सभा की बैठक थी। जहाँ पंचायत बोर्ड के समस्त सदस्य व समस्त अधिकारी भी मौजूद थे। सभी के बीच में कार्यालय के डीपीसी अनिल कुशवाह की कार्यप्रणाली से असंतुष्ट बातें उजागर हुई, जिसके चलते डीपीसी पर उठ रहे सवाल पर वे भरी बैठक से उठ गए और बैठक को छोडकऱ चल दिये। वही जिला पंचायत सीईओ श्री मीणा ने भी उनकी इस कार्यप्रणाली पर नाराजगी व्यक्त की।
महिलाओं से अभद्रता….!!
डीपीसी जो कि शासकीय अधिकारी हैं, आज साधारण सभा की बैठक में उनकी कार्यप्रणाली से असंतुष्ट होकर कई बातें सामने आई। जिसमें मुख्यत: महिलाकर्मियों के साथ उनका व्यवहार अभद्रपूर्ण होना, कार्यालय का समय शाम 5 बजे तक ही होता है, तो उन्हें देर शाम तक क्यों रोका जाता है। आदि अन्य बातों के चलते डीपीसी कुशवाह नाराज हो गए, व सभी प्रकार के आरोपों से वे खुद को बचाते रहे।
बैठके 3 वर्ष से नहीं बुलाई…..
डीपीसी कुशवाह पर आरोप है कि उन्होंने क्रय समिति, अनुदान समिति की लेख जोखा बैठक पिछले 3 वर्ष से नहीं बुलवाई। जबकि उक्त बैठकें नियमित समय पर बुलाकर उसका लेखा जोखा बनाकर बोर्ड के समक्ष बताया जाता है। लेकिन डीपीसी इससे क्यों बचते रहे ये सवाल अब उनकी कार्यशैली पर मंडरा रहा है।
अधिकारी की तानाशाही……!!
जिला पंचायत अध्यक्ष नरेंद्र सिंह राजपूत ने बताया कि गत कई वर्षों से वे उनके अनुसार ही कार्य करते आये है। उनसे किसी भी प्रकार से कभी कोई सवाल नहीं किये गए। चूंकि बात हद से ज्यादा आ गई जिस पर आज बैठक में सभी के समक्ष चर्चा की गई। वही केवल कागजोंं पर बैठक होती है इसके अलावा डीआरसी में गाडियों को अटैच करना,अगैरा के होस्टल चोरी के अलावा कई बातें सामने आई। साथ ही मेरे द्वारा पिछले सात वर्षो से जिला चलाया जा रहा है और आपको आए केवल 3 वर्ष ही हुए है ऐसा कहकर अपना तानाशाही रवैया किया गया. इसके साथ ही उनकी तानाशाही व्यवहार से कार्यशैली रहने से सभी त्रस्त हो गए है। जिसकी शिकायत कलेक्टर महोदय को की जा रही है। साथ ही डीपीसी को निलंबित करने की मांग मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री से की जाएगी। जिससे पंचायत कर्मियों को राहत महसूस हो।
वही इस विषय पर जब कलेक्टर आशीष सिंह ने बात करना चाही तो उनसे संपर्क नही हो पाया।