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कचरे के ढेर में मिले आवश्यक दस्तावेज किसकी लापरवाही, पोस्ट ऑफिस या पोस्ट मैन कौन है, जिममेदार

देवास। आम आदमी के पहचान दस्तावेज चाहे वो आधार कार्ड हो या कोई और मूल पहचान पत्र हो, इसके अलावा न्यायालय के दस्तावेज हो या वकील की सनद ये सभी प्रकार के दस्तावेज पोस्ट के द्वारा हम तक लाये जाते हैं। जब ये दस्तावेज हमें समय पर नहीं मिलते तो हम विभागीय स्तर पर दस्तावेजों की जानकारी लेते हैं, या फिर हम इन दस्तावेजों के लिये पोस्ट आफिस के चक्कर लगाते हैं। जब ये दस्तावेज नहीं मिलते तो इनके पीछे हम पुन: नवीन दस्तावेजों को बनावाने की जुगत लगाते हैं। अब जब ये दस्तावेज कचरों के ढेर में मिले तो इसे कया कहेंगे। ये या तो पोस्ट आफिस की गलती है, जिसका खामियाजा हम भुगत रहे हैं। ऐसा ही एक मामला शुक्रवार दोपहर को सामने आया जहाँ आम आदमी के मूल दस्तावेज कचरे के ढेर में पढ़े मिले। जिस पर आद्योगिक थाना पुलिस ने धारा १०२ में जप्ती कर कार्रवाई करने की बात कही है।
पुलिस को सूचना मिली थी की बायपास मार्ग के पास जितेन्द्र मोदी के खेत पर आयसर कंपनी के पास एक खुले खेत में गेहूं की फसल कटी हुई थी उस के पास कचरे के ढेर में आवश्यक दस्तावेज जो स्पीड पोस्ट के जरीये भेजे जाते हैं, वे दस्तावेज जिसमें आधार कार्ड, पेन कार्ड, चेकबुक, ऐसे आवश्यक दस्तावेजों का पूरा ग_र पुलिस ने जप्त किया है।
पुलिस ने बताया
आद्यौगिक थाने से आये एसआई राम वर्मा ने बताया की मुझे फोन पर सूचना मिली की बायपास से करीब आधा कि.मी. दूर आयशर कंपनी के पास जितेन्द्र मोदी के खेत पर एक गड्डे में कई प्रकार के मूल दस्तावेज बिखरे पड़े दिखे जिस पर देखा गया की इन दस्तावेजों में स्पीड पोस्ट से आये आधार कार्ड, पेन कार्ड, चेक बुक, एंव अन्य आवश्यक दस्तावेज जो आम आदमी से जुड़े दस्तावेज थे, वे इस तरह बिखरे देखे गये। श्री वर्मा ने बताया की ये कहाँ से कैसे आये हैं, ये जाँच का विषय है, फिलहाल हमने इन दस्तावेजों को समेट लिया है, व धारा १०२ में जप्ती की गई है। उन्होनें बताया की ये अतिआवश्यक दस्तावेज हैं जिनका गलत इस्तेमाल हो सकता था, कुल दो बोरों को भर कर अवाश्यक दस्तावेजोंं को जप्त किया है। इसमें एक वकील की सनद भी है, जो जबलपुर हाईकोर्ट से दो वर्ष पूर्व भेजी गई थी।
दो वर्ष में अब मिली सनद
अभिभाषक केदार पटेल ने बताया की मेरे एक प्रकरण के चलते जबलपुर हाईकोर्ट से सनद दो वर्ष पूर्व भेजी गई थी, जो मुझे नहीं मिली थी। इसके तहत मैनें हाईकोर्ट से भी जानकारी कई बार माँगी मगर उनका कहना था की आपकी सनद को पोस्ट कर दिया गया है। जिसके बाद कई मर्तबा देखा मगी नहीं मिली। आज मुझे मेरे एक मित्र ने बताया की जो सनद मैं दो वर्ष पूर्व से ढूंढ रहा था, वो मुझे कचरे के ढेर से मिली।