उज्जैनदेवासमध्य प्रदेश

युवा नेता सब पर भारी……..!! वोटिंग में मिले सबसे अधिक वोट

युवा नेता सब पर भारी……..!!
वोटिंग में मिले सबसे अधिक वोट
चुनाव में किसे मिलेगा टिकिट, संशय की स्थिति
देवास। विधानसभा चुनाव को लेकर पार्टीयों में अपनी और से तैयारी आंरभ हो गई है कई तो ये तक मान चुके हैं की अब हमारा टिकिट भी पक्का है। इसके लिये नेता पार्टी में जी तोड़ मेहनत भी कर रहे हैं। समाचार लाईन द्वारा एक सर्वे किया गया था, जिसके तहत कांग्रेस पार्टी के चुनिंदा नेताओं के नामों पर वोटिंग की गई नतीजा ये निकला की युवा नेता ने बाजी मार ली, फिर भी पार्टी में संशय की स्थिती परस्पर बनी हुई है, की आखिर टिकिट किसे मिलेगा। समाचार लाईन पर की गई वोटिंग के बाद सज्जन वर्मा समर्थक मनीष चौधरी सर्वे के मतदान में सब पर भारी हैं। आगे देखें होता है क्या………!
समाचार लाईन वेब पोर्टल के माध्यम से कांग्रेस पार्टी में कौन हो सकता है, अगले विधानसभा चुनाव का उम्मीदवार इस हेतु सर्वे कर वोटिंग आम लोगों ने की जिसमें जयसिंह ठाकुर, मनोज राजानी, भगवान सिंह चावड़ा, जय प्रकाश शास्त्री, मनीष चौधरी, शबाना सुहैल के नामों पर क्रमश: वोट डाले गये, जिसमें पहले पायदान पर मनीष चौधरी के नाम पर आम लोगों ने सहमति जताई है। फिर भी पार्टी के कुछ लोगों के मान से संशय बना हुआ दिखाई दे रहा है।
जोड़-तोड़ की राजनीति 
कांग्रेस पार्टी में मनीष चौधरी के नाम पर वोट देने के बाद दिग्गज नेताओं में विचार विमर्श आरंभ हो गया है। इस हेतु सूत्र बताते हैं की कई नेता पार्टी हाईकमान से भी मिलकर नामों में व्याप्त संशय को खत्म करना चाहते हैं इसलिये वे हाईकमान से मिलने की भी तैयारी कर चुके हैं। इधर पार्टी के अलग-अलग खेमों में भी विचार बनना आरंभ हो गये हैं। दिग्विजय सिंह खेमे से जयसिंह ठाकुर भी अपना नाम बेकफुट से फ्रन्टफुट पर लाने की योजना बना चुके हैं, ये अब देखना है कि मनीष चौधरी युवा नेता जो पूर्व नेताओं से आगे निकला उसे ये दिग्गज नेता हराते हैं, या फ्रन्टफुट पर रखकर एकमत होकर चुनावी रणनीति के मैदान में उतारते हैं।
हुए एकमत तो………!!
रणनीतिकारों के मान से अगर कांग्रेस पार्टी के अलग-अलग खेमें एक जुट होकर सामने आये और आपसी सांमजस्य से टिकिट दिया गया तो भाजपा के लिये बड़ी मुश्किल बन सकती है। इस हेतु दिग्विजय सिंह खेमा, कमलनाथ खेमा को आपसी विरोधाभास छोड़कर पार्टी हित में सोचना होगा, मिले वोटिंग के मान से अगर पार्टी मनीष चौधरी को टिकिट देती है, तो भाजपा पार्टी को नीतिगत पुन: विचार करना पड़ सकता है।