उज्जैनमध्य प्रदेश

आयुक्त का जलवा :इधर आदेश आया, उधर कार्यमुक्त किया

उज्जैन। नगर निगम में बरसों से जमे सहायक यंत्री की दादागिरी को आखिरकार निगम आयुक्त ने समाप्त कर दिया। महापौर के संरक्षण में खुद को आयुक्त से बड़ा समझने की भूल कर बैठे सहायक यंत्री और इंदौर से स्थानांतरित होकर आए कार्यपालन यंत्री को यह कतई अंदाजा नही था कि निगम आयुक्त उनसे बाजी जीत लेगे। & दिन के अंदर ही निगम आयुक्त ने ऐसी चाल चली कि दोनों का तबादला नगर निगम ग्वालियर कर दिया गया और इधर जैसे ही आदेश आए, निगम आयुक्त ने तत्काल दोनों को कार्यमुक्त भी कर दिया।
नगर निगम आयुक्त डॉ. विजय कुमार जे ने यह साबित कर दिया कि आयुक्त से बडा निगम में कोई अधिकारी नही होता है। मगर कार्यपालन यंत्री ज्ञानेन्द्रसिंह जादौन और सहायक यंत्री पीयूष भार्गव को महापौर श्रीमती मीना जोनवाल का वरदहस्त क्या मिला था कि दोनों अधिकारी यह समझ बैठे कि निगम आयुक्त उनका कुछ नही बिगाड़ सकते है। इसी गुमान में दोनों अधिकारी एक के बाद एक गलतिया करते रहे। हालात इस कदर बिगड़ गये थे कि कार्यपालन यंत्री श्री जादौन ने तो निगम आयुक्त के खिलाफ जाते हुए माननीय न्यायालय में अवमानना का प्रकरण दर्ज कराने की याचिका दायर कर दी। जिसका नतीजा & दिन पहले ही सामने आ गया था, जब निगम आयुक्त ने एक पत्र प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन विवेक अग्रवाल को लिखा था।
यह लिखा था पत्र में …
विदित रहे कि निगम आयुक्त ने प्रमुख सचिव को लिखे पत्र में कार्यपालन यंत्री श्री जादौन और सहायक यंत्री पीयूष भार्गव की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए यह साफ कर दिया था कि श्री भार्गव द्वारा जहां महाकाल वन और शौचालय निर्माण में भ्रष्टाचार किया गया है वही श्री जादौन की कार्यप्रणाली का जिक्र करते हुए यह लिख दिया था कि इनके द्वारा अधीक्षण यंत्री का प्रभार लेने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। जबकि इनका मूल पद कार्यपालन यंत्री का है। जब इस काम में इनको सफलता नही मिली तो निगम आयुक्त के खिलाफ अवमानना याचिका क्रमांक 477/2018 दायर कर दी गई है। यह सब घटनाक्रम & दिन पहले हुआ था। जिसका नतीजा आज सामने आ गया।
पद मुक्त किया …
विदित रहे कि 2 दिन पहले निगम आयुक्त डॉ. विजय जे भोपाल एक कार्यशाला में भाग लेने के लिए गए थे। उसके पहले उनके द्वारा लिखा गया पत्र भोपाल पहुंच गया था। नतीजा 28 मार्च को उपसचिव मप्र शासन नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा जारी आदेश उ”ौन आ गए। जिसमें ज्ञानेन्द्रसिंह जादौन और पीयूष भार्गव दोनों को नगर पालिक निगम ग्वालियर तत्काल प्रभाव से स्थानांतरित कर दिया गया। यह आदेश जैसे ही उ”ौन आए तो निगम आयुक्त ने दोनों अधिकारी को कार्यमुक्त करते हुए प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन सहित सभी को इसकी सूचना भेज दी।