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तारक मेहता का उल्टा चश्मा फेम अय्यर की माताजी की पार्थिवदेह पंचतत्व में विलिन नहीं पहुंचा कोई जनप्रतिनिधि नहीं थे पुलिस के इंतजाम

तारक मेहता का उल्टा चश्मा फेम अय्यर की माताजी की पार्थिवदेह पंचतत्व में विलिन
नहीं पहुंचा कोई जनप्रतिनिधि नहीं थे पुलिस के इंतजाम
देवास। टीवी धारावाहिक तारक मेहता का उल्टा चश्मा के कलाकार अय्यर (तनुज महाशब्दे) की माताजी शीला महाशब्दे का सोमवार 4 जून को इंदौर के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया था। 5 जून को उनका अंतिम संस्कार देवास में किया गया। अंतिम यात्रा उनके राजाराम नगर स्थिति निवास से निकली। मुक्तिधाम पर पूरे विधान से मुखाग्नि तनुज के बड़े भाई प्रवीण महाशब्दे ने दी।
उल्लेखनीय है कि तनुज महाशब्दे ने अपने जीवन में लंबा संघर्ष करते हुए माया नगरी मुंबई में अपने जगह तलाशी और विभिन्न धारावाहिकों में काम करने के बाद तारक मेहता का उल्टा चश्मा में अय्यर की भूमिका में घर-घर में अपनी एक अलग पहचान बनाई। वे आज लोकप्रियता के शिखर पर होकर एक सेलिब्रेटी हैं। इस लिहाज से भी पुलिस को उन्हें एहतियात के तौर पर सुरक्षा प्रदान करनी चाहिए थी, जो नहीं की गई। पूरी अंतिम यात्रा में कहीं पर भी कोई पुलिस जवान मौजूद नहीं था। यहां तक की कोई जनप्रतिनिधि भी सांत्वना देने के लिए नहीं पहुंचा। जबकि तनुज महाशब्दे और उनका परिवार लंबे समय से देवास में निवासरत होकर यहां के नागरिक हैं। तनुज जब भी शहर में आते हैं तो लोगों से मिलते हैं और सामाजिक कार्यक्रमों में भाग भी लेते हैं। चर्चा का विषय तो यह भी रहा कि छोटे-छोटे से आयोजनों में लाव लश्कर के साथ पहुंचने वाले शहर के महापौर, विधायक, सांसद सहित दोनों ही पार्टी के नेता जो कल तक तनुज के साथ खड़े होकर फोटो खिंचाने में शान समझते थे, वे आज कहीं भी नजर नहीं आए। जब अंतिम यात्रा सिविल लाइंस मार्ग से निकली तो सांसद अपने बंगले पर ही थे। जनप्रतिनिधियों का इस तरह रुखा व्यवहार शहर की जनता को रास नहीं आया।  तारक मेहता के फेम तनुज महाशब्दे की माताजी की शवयात्रा में शहर में बच्चों की भीड़ देखी गई। जहाँ शवयात्रा मार्ग के साथ श्मशान घाट तक बच्चों, व बड़ो ने महाशब्दे की माताजी को श्रद्धांजलि अर्पित करने के साथ अय्यर को देखने की जुगत भी लगाई।