प्रकाश त्रिवेदी की कलम सेमध्य प्रदेश

कांग्रेस बैलगाड़ी पर,किसान ट्रैक्टर पर और सरकार हेलीकॉप्टर पर।

भोपाल। कांग्रेस बैलगाड़ी पर सवार होकर मध्यप्रदेश के सत्ता साकेत में प्रवेश करना चाहती है,सरकार हेलीकॉप्टर से गांव-गांव घूम रही है।
इस दोनों की चिंता का केंद्रबिंदु किसान किराए के ट्रैक्टर में अपनी फसल लेकर मंडियों के गेट पर अपनी बारी का इंतजार कर रहा है। किसान की समस्या न कांग्रेस को समझ आ रही न भाजपा और उसकी सरकार समझ पा रही है।
कांग्रेस ने आज किसानों की चिंता को फोकस करते हुए भोपाल की चमचमाती सड़को पर बैलगाड़ी यात्रा निकाली। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ,चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष ज्योतिरादित्य सिंधिया,बैलगाडी में बैठकर मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान को घेरने निकले।
मौसम की तपन के बीच अच्छी खासी भीड़ जुटी और सरकार के खिलाफ कांग्रेस का मजमा सुर्खियां बटोर गया।
सवाल फिर भी खड़े होते है,भोपाल, मंदसौर में किसान की चिंता से दुबली हो रही कांग्रेस क्या प्रदेश के खेत खलिहान तक पहुंच सकी है।
किसान की बात मीडिया में खूब हो रही है,रैली-सभाओं में किसान के दुःख पर आंसू बहाए जा रहे है पर क्या गांव की चौपाल तक कांग्रेस पहुंच सकी है।
अपनी फसल बेचने के लिए मंडीयों में खड़े किसान के साथ कितने कांग्रेसी खड़े हुए है,क्या कांग्रेस के संगठन ने उनके लिए व्यवस्थाएँ जुताई है,जबकि भाजपा का किसान मोर्चा मंडियों में किसानों को ठंडा पानी पिला रहा है,शरबत पिला रहा है,उनकी चिंता कर रहा है।
कांग्रेस को किसानों की लड़ाई मीडिया के मंच से निकलकर जमीन पर लड़नी चाहिए। कांग्रेस के ग्रामीण नेताओ को किसान के साथ खड़ा होना पड़ेगा,केवल बैलगाड़ी पर बैठकर भोपाल की सड़कों पर घूमने से कुछ नही होगा।
मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान एक-एक जिला,तहसील, विकासखंड, टप्पा नाप चुके है। उनका उड़नखटोला हर रोज किसी न किसी गाँव मे पहुंच जाता है। लाख नाराजगी के बाद भी किसान के बीच जाकर उनसे संवाद करना शिवराज को आता है।
कमलनाथ और सिंधिया को 1993 में दिग्विजय सिंह की तरह प्रदेश का दौरा करना होगा। मतदाता तब तक कांग्रेस पर विश्वास नही करेगा जब तक उसके नेता उसके साथ सीधा संवाद नही करेंगे।
कांग्रेस में नेता बेनर-होर्डिंग्स से राजनीति कर रहे है। विधानसभा के दावेदारों को गांव-गांव,गली-गली घूमना होगा, तभी हमेशा इलेक्शन मोड़ में रहने वाली भाजपा से मुकाबला कर पाएंगे।
किसान नाराज है,व्यापारी परेशान है,मज़दूर दुःखी है,कर्मचारी हक़ चाहता है,मध्यवर्ग खदबदा रहा हैं, युवा निराश है,इतनी बढ़िया राजनीतिक उर्वरकता के बाद भी कांग्रेस जनमानस में भरोसा पैदा नही कर पा रही है,यह विचारणीय है।
बैलगाड़ी से हेलीकॉप्टर का मुकाबला नही हो सकता है।
कांग्रेस को लोगो का भरोसा जीतने के लिए जमीन पर लड़ना पड़ेगा।
महज मंदसौर कांड की बरसी मनाने से कुछ नहीं होगा।

प्रकाश त्रिवेदी@samacharline.com