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सैनिक छुट्टी पर आया, और मौत हो गई, गार्ड ऑफ ऑनर देकर सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी

भारतीय जवान छुट्टी पर आया, और मौत हो गई
महू से सैन्य दल आया
गार्ड ऑफ ऑनर देकर सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी

अमित बागलीकर
देवास। भारतीय सैना में जवान का शहीद हो जाना भी सैनिक के जज्बे को सलाम देने योग्य है। मगर सैनिक जो की वर्तमान में सैना में पदस्थ है और छुट्टीयों में अपने परिवार के बीच आया जहाँ उसकी अकस्मात मौत हो जाये तो भी गर्व होता है की उसने अपने देश के लिये जो सेवा दी वो भी किसी जज्बे से कम ना था। कुछ ऐसा ही एक हादसा शहर में हुआ जहाँ जिले के ग्रामीण क्षेत्र के सैनिक जवान की अचानक तबीयत खराब हुई जहाँ उनकी एक निजी अस्पताल में उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। इस बात की खबर सैनिक के परिजनों ने भारतीय सेना की उक्त बटालियन को दी जिस पर महू से बटालियन के सैनिक आये और पूरे सम्मान के साथ सैनिक का अंतिम संस्कार हुआ।
जिले के सोनकच्छ अनुभाग के ग्राम कुमारिया राव बेराखेड़ी के रहने वाले सैनिक बहादुर सिंह गुनावत जो 16 जेके लाइन फिरोजपुर पंजाब में तैनात थे वे वहां अपनी सेवाऐं देश के लिये दे रहे थे। सैनिक बहादुर सिंह गत 30 जून को फिरोजपुर से कुछ समय की छुट्टी लेकर देवास में हाल मुकाम 275 विकास नगर में आए थे, यहां उनकीअचानक तबीयत बिगड़ गई, जिसके बाद परिजनों द्वारा शहर के एक निजी चिकित्सालय में उपचार के लिए ले जाया गया जहां से डॉक्टरों ने इंदौर रैफर कर दिया, इंदौर में 2 दिनों के उपचार पश्चात मंगलवार को सैनिक बहादुर सिंह की मौत हो गई। जिसके बाद परिजनों द्वारा इसकी जानकारी फिरोजपुर पंजाब में 16 जेके लाइन पर इसकी सूचना दी गई थी, जिस पर सेना के अधिकारी द्वारा परिजनों को कहा गया कि आप अभी सैनिक का अंतिम संस्कार नहीं किजिएगा महू से सेना के अन्य सैनिक भी आ रहे हैं उसके बाद पूरी जानकारी लेकर ही सैनिक का अंतिम संस्कार किया जाए। जिस पर बुधवार दोपहर में शहर के मुक्ति धाम में महू से सेना का एक दल आया और उसने सैनिक बहादुर सिंह को गार्ड ऑफ ऑनर देते हुए श्रद्धांजलि दी। बताया जाता है की मृतक सैनिक के परिवार में पांच भाई है जिसमें से सबसे छोटा भाई भारत मां की सेवा कर रहा था साथी सैनिक बहादुर के दो छोटे बच्चे भी है जिसमें एक 14 वर्ष अभिषेक एवं छोटा बेटा गोलू 12 वर्ष का है। बड़े बेटे ने अपने पिता को मुखाग्नि दी जिस पर शमशान में मौजूद सैन्य दल सहित लोगों ने भारत मां की जय व जब तक सूरज चांद रहेगा बहादुर सिंह का नाम रहेगा के नारे के साथ सैनिक को नम आंखों से अंतिम विदाई दी गई।