दिल्ली-एनसीआर समेत देश के अलग- अलग हिस्सों में इमारतों के गिरने का सिलसिला जारी है. ताजा मामला मध्यप्रदेश के विदिशा जिले का है. यहां के गुलाबगंज में सोमवार सुबह अचानक एक इमारत भरभरा कर गिर गई. बताया जा रहा है कि इस इमारत के गिरने पर मलबे में 2 लोग दब गए.
दोपहर 3 बजे तक की जानकारी के मुताबिक मलबे से एक बच्चे को निकाल लिया गया है जबकि एक बुजुर्ग महिला अभी भी मलबे में ही दबी हुई बताई जा रही है. बताया जा रहा है कि जो इमारत गिरी है वो काफी पुरानी और जर्जर हो चुकी थी. लगातार हो रही बारिश के कारण इमारत के गिरने की आशंका जताई जा रही है.
इमारत गिरते ही इलाके में अफरातफरी मच गई, जिसके बाद लोगों ने राहत और बचाव का काम शुरू कर दिया. घटना की जानकारी तुरंत पुलिस को दी गई, जिसके बाद पुलिस और प्रशासन के आला अधिकारी घटना स्थल पर पहुंचे और बचाव का काम शुरू किया गया.
बताया जा रहा है कि ये मकान कैलाश चौरसिया नाम के व्यक्ति का था.
विदिशा के कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह भी घटना स्थल पर पहुंचे और बचाव कार्य का जायजा लिया. कलेक्टर के मुताबिक मलबे में दबी बुजुर्ग महिला को निकालने के लिए जेसीबी बुला ली गई है. इसकी मदद से भारी स्लैब्स को हटाया जा रहा है. कलेक्टर ने ”आजतक” से फोन पर कहा है कि इमारत काफी पुरानी और कम चौड़ाई की थी, जिसपर तीन मंजिले बना ली गई थी.
इससे पहले ग्रेटर नोएडा के शाहबेरी गांव में इमारतों के गिरने की एक के बाद एक घटनाएं सामने आ रही है. 18 जुलाई को शाहबेरी में छह मंजिला इमारत गिरने कई लोगों की मौत हो गई थी और उसके बाद एक के बाद एक कई इमारतों के ढहने और झुकने के मामले सामने आने लगे.
इससे 3 दिन पहले पुरानी दिल्ली के चांदनी महल इलाके में भी एक पुरानी इमारत की दीवार ढही गई थी, हालांकि किसी के घायल होने की खबर नहीं मिली. 4 दिन पहले ग्रेटर नोएडा के थाना सूरजपुर क्षेत्र के मुबारकपुर गांव में दो मंजिला इमारत गिर गई थी.
सिर्फ दिल्ली-एनसीआर ही नहीं बल्कि आगरा, पुणे, चेन्नई और मुंबई समेत कई शहरों में इमारतों के ढहने की खबरें आती रही हैं.