केरल में लगातार जारी मूसलाधार बारिश से राज्य में बाढ़ से हालात और बिगड़ गए हैं. पिछले 48 घंटों से हो रही बरसात ने सारे बांध तोड़ दिए. लबालब भर जाने के बाद इडुक्की डैम के दरवाजे खोल दिए गए जिसके बाद इसमें पानी के स्तर में कुछ कमी आई है और पानी का स्तर 2401.1 फीट तक पहुंच गया है. राज्य में मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन और कई मंत्रियों सहित विपक्षी दल के नेताओं ने इडुक्की, वायनाड, कलीकट और कोच्चि का हवाई दौरा किया. वहीं गृहमंत्री राजनाथ सिंह 12 अगस्त यानी रविवार को केरल का दौरा करेंगे.
कई राज्यों में रेड अलर्ट
राज्य में बारिश से बिगड़े हालात के चलते कई इलाकों में रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है. वायनाड में 14 अगस्त तक रेड अलर्ट जारी किया गया है तो इडुक्की में 13 अगस्त तक के लिए चेतावनी जारी की गई है. कोट्टायम, एर्नाकुलम, मलप्पुरम, पलक्कड़, कोझिकोडे में भी 11 अगस्त तक हाई अलर्ट जारी किया गया है.
50 वर्षों में पहली बार बारिश से इतनी तबाही
राज्य में बीते 50 वर्षों में पहली बार बारिश से इतनी भीषण तबाही हुई है. भारी बारिश और डैम से छोड़े गए पानी के चलते नदी नालों में उफान आ गया है. रेस्क्यू के लिए सेना और नौसेना की टीमों को तैनात किया गया है. आसमानी आफत ने केरल की तस्वीर ही बदल दी है. गांव, खेत-खलियान सब डूबे हुए हैं. सैलाब की तबाही में अब तक 29 लोगों की मौत हो गई जबकि 54,000 से ज्यादा लोग बेघर हुए हैं.
पिछले दो दिनों में दस हजार से ज्यादा लोगों को 157 राहत शिविरों में भेजा गया है. बाढ़ और बरसात के पानी की वजह से जगह-जगह भूस्खलन की घटनाएं हो रही हैं. ऐसी ही एक घटना कन्नूर जिले हुई, जहां भूस्खलन की वजह से दो मकान अचानक भरभराकर ढह गए. केरल के इडुक्की जिले में बरसात और बाढ़ की तबाही सबसे ज्यादा है. जहां पिछले 40 सालों में पहली बार चेरुथोनी बांध के पांचों शटर खोलने पड़े हैं.
बारिश-बाढ़ की वजह से स्कूल-कॉलेज बंद
केरल में मची इस तबाही से इमरजेंसी लग गई है. स्कूल, कॉलेज, दफ्तर सब बंद कर दिए गए हैं. चिंता की बात ये है कि मौसम विभाग ने केरल में अभी और ज्यादा बरसात का अलर्ट जारी किया है. मौसम विभाग के मुताबिक केरल में इस साल अबतक औसत से 19 फीसदी ज्यादा बरसात हो चुकी है. केरल में इससे पहले इतनी ज्यादा 2013 में हुई थी. बचाव के लिए 241 रिलीफ कैंप खोले गए हैं.