भारत को लॉर्ड्सश टेस्ट के चौथे दिन रविवार को इंग्लैंड के हाथों पारी और 159 रनों से करारी हार का सामना करना पड़ा। पहली पारी में 289 रनों से पिछड़ने के बाद भारत की दूसरी पारी 47 ओवरों में 130 रनों पर सिमट गई। भारत की इस शर्मनाक हार के बावजूद रविचंद्रन अश्विन के नाम एक अनोखा रिकॉर्ड दर्ज हो गया।
अश्विन ने पहली पारी में 29 रन बनाए थे, जो भारत की पहली पारी में सर्वाधिक व्यक्तिगत स्कोर था। अश्विन दूसरी पारी में 33 रन बनाकर नाबाद रहे, हैरानी की बात यह रही कि भारत की दूसरी पारी में भी सर्वाधिक रन बनाने का श्रेय उनको ही मिला। अश्विन दोनों पारियों में आठवें क्रम पर बल्लेबाजी के लिए उतरे थे। वे किसी टेस्ट में आठवें या निचले क्रम पर बल्लेबाजी के उतरकर दोनों पारियों में सर्वाधिक रन बनाने वाले पहले भारतीय बल्लेबाज बने।
यदि वैश्विक क्रिकेट में देखा जाए तो अश्विन आठवें या निचले क्रम पर उतरकर दोनों पारियों में सर्वाधिक रन बनाने के मामले में दुनिया के छठे बल्लेबाज बन गए। उनसे पहले यह करिश्मा ऑस्ट्रेलिया के टप स्कॉट और पीटर सिडल, जिम्बाब्वे के गाय व्हिटल और ग्रीम क्रैमर और न्यूजीलैंड के ली जर्मोन कर चुके थे।
अश्विन ने दूसरी पारी में जब खाता भी नहीं खोला था तब सैम कुरैन की गेंद उनके दाएं हाथ पर लगी थी। उन्हें इतना दर्द हुआ था कि उन्होंने बल्ला भी हाथ से छोड़ दिया था। फिजियो की मदद से उन्होंने इसका उपचार करवाया और दर्द के बावजूद खेलना जारी रखा।
31 वर्षीय अश्विन 60 टेस्ट मैचों में 30.37 की औसत से 2248 रन बनाए। उन्होंने इस दौरान 4 शतक और 11 अर्द्धशतक लगाए। वे टेस्ट मैचों में 323 विकेट भी ले चुके हैं। उन्होंने इसके अलावा 111 अंतरराष्ट्रीय वनडे और 46 टी20 मैचों में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया।