जकार्ता। हरियाणा का बालाली गांव और उसमें रहने वाले महावीर सिंह फोगाट का परिवार। यह कोई साधारण परिवार नहीं है। यहां से पहलवान निकलते हैं। इसी परिवार से ताल्लुक रखने वाली विनेश फोगाट (भतीजी) ने सोमवार को एक बार फिर देश का नाम रोशन किया, जब उन्होंने इंडोनेशिया में खेले जा रहे एशियन गेम्स में 50 किग्रा वर्ग में गोल्ड जीता।
इसलिए बहुत खास रही विनेश फोगाट की यह जीत
– 23 साल की विनेश एशियन गेम्स में महिला कुश्ती में गोल्ड जीतने वाली पहली भारतीय बन गई हैं
– साथ ही विनेश लगातार दो एशियन गेम्स में पदक जीतने वाली पहली महिला पहलवान हैं।
– इससे पहले 2014 में उन्होंने 48 किग्रा वर्ग में कांस्य पदक जीता था। अब 50 किग्रा वर्ग में गोल्ड जीता।
– विनेश ने लगातार दो कॉमनवेस्थ गेम्स (ग्लास्गो और गोल्ड कोस्ट) में भी पदक जीता है।
महावीर सिंह फोगाट देश में महिला कुश्ती की सबसे बड़ी प्रेरणा भी हैं। महावीर सिंह अपने समय के एक प्रसिद्ध पहलवान और द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता हैं। महावीर सिंह ने अपनी चार बेटियों (गीता, बबीता, ऋतु और संगीता) और तीन भतीजियों समेत परिवार की छह लड़कियों को अंतर्राष्ट्रीय रेसलर बनाया है। उनकी तीन बेटियां ओलिंपक में देश का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं।
गीता फोगाट: 15 दिसंबर 1988 को जन्मीं गीता फोगाट फ्रीस्टाइल रेसलर हैं, जिन्होंने पहली बार भारत के लिए राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीता था। गीता ने 2010 राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया था। गीता पहली भारतीय महिला पहलवान है जिन्होंने ओलम्पिक में क्वालीफाई किया।
बबीता फोगाट: स्काटलैंड के ग्लास्गो में आयोजित कामनवेल्थ गेम्स 2014 में बबीता कुमारी ने 55 किलोग्राम वर्ग में फ्रीस्टाइल कुश्ती में कनाडा की महिला पहलवान ब्रितानी लाबेरदूरे पहलवान को हराकर भारत के लिए स्वर्ण पदक जीता था।
विनेश फोगाट, गीता और बबीता की चचेरी बहन हैं, जो आज अंतर्राष्ट्रीय स्तर की पहलवान हैं। वह साल 2014 के कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीतकर देश का नाम रौशन कर चुकी हैं।