नई दिल्ली: बाढ़ से ग्रस्त केरल में आपसी भाईचारे की मिसाल देखने को मिली है. बाढ़ की विभीषका के बीच बकरीद के त्योहार पर मुस्लिमों ने मंदिर में नमाज़ अदा की. हिंदू और मुस्लिम भाईचारे की यह मिसाल उनकी आपसी समझ को दिखाता है. यह नमाज़ रक्तेश्वरी मंदिर में मुस्लिमों ने अदा की. केरल के इराविथुर के पुराप्पिल्लिकव रक्तेश्वरी मंदिर प्रशासन ने मंदिर से जुड़े हॉल में नमाज़ अदा करने की इजाजत दी .
कोच्चिकादेब की महल मस्जिद पानी में डूब जाने के कारण लोग मस्जिद में नमाज़ अदा करने में असमर्थ थे. इस कारण उन्हें रक्तेश्वरी मंदिर में नमाज़ पढ़ने की इज़ाजत दी गई. मंदिर प्रशासन का प्रबंधन करने वाला संस्थान श्री नारायण धर्म परिपालन योगम् (SNDP) पहले से ही बाढ़ प्रभावितों के लिए राहत शिविरों को चला रहा है. बकरीद के मौके पर अस्थाई तौर पर मंदिर के एक हॉल को ईदगाह के रूप में अस्थाई रूप से बदल दिया गया.
क्षेत्र के राहत शिविरों में काम कर रहे अभिनव ने कहा कि मंदिर में पहले से ही राहत कैंप चलाया जा रहा था. जब लोगों को पता चला कि नमाज़ अदा करने के लिए कोई जगह नहीं है तो युवाओं ने मिलकर मंदिर में अस्थाई तौर पर ईदगाह बनाया. उन्होंने आगे कहा कि नमाज़ पढ़ने के लिए मैट की व्यवस्था की गई और साथ में अन्य जरूरी सामानों को जुटाया गया. इस नमाज़ को अदा करने के लिए कुल 300 लोगों ने भाग लिया.
ईद की इस प्रार्थना को जसीर धरीमी ने कराया और साथ में बाढ़ पीड़ितों के लिए विशेष प्रार्थना का आयोजन किया गया. केरल के त्रिशूर जिले में इराविथुर सर्वाधिक बाढ़ पीड़ित इलाकों में से एक है. यहां कम-से-कम 3000 लोग राहत कैंपों में रह रहे हैं. इराविथुर में तीन राहत कैंपों को बनाया गया है.