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इंग्लैंड नहीं, बल्कि इस 20 साल के लड़के के आगे विराट ब्रिगेड ने टेके घुटने

इंग्लैंड के खिलाफ साउथम्प्टन में खेले गए चौथे टेस्ट मैच में टीम इंडिया के बल्लेबाजों का लचर प्रदर्शन उसे ले डूबा. साउथम्प्टन में टीम इंडिया चौथे दिन ही 60 रनों से यह मैच और सीरीज गंवा बैठी.

मोईन अली की अगुवाई में इंग्लैंड के गेंदबाजों के शानदार प्रदर्शन के दम पर मेजबान टीम ने विराट कोहली और अजिंक्य रहाणे के अर्धशतकों के बावजूद भारत को हराकर पांच मैचों की सीरीज में 3-1 की विजयी बढ़त बना ली. भारत ने अपने अंतिम सात विकेट सिर्फ 61 रन जोड़कर गंवाए.

इस मैच में एक वक्त टीम इंडिया का पलड़ा भारी था, लेकिन 20 साल के सैम कुरेन एक बार फिर टीम इंडिया की जीत की राह में दीवार बनकर खड़े रहे और अहम मौकों पर इंग्लैंड के लिए उपयोगी साबित हुए.

बर्मिंघम के बाद साउथम्प्टन में भी बने भारत के दुश्मन नंबर 1

बर्मिंघम टेस्ट के बाद साउथम्पटन में भी सैम कुरेन टीम इंडिया के लिए बड़ा सिरदर्द साबित हुए. सैम कुरेन ने इस मैच में कुल 124 रन बनाए और 2 विकेट भी झटके, जिसमें पहली पारी में विराट कोहली का अहम विकेट भी शामिल था.

पहली पारी में इंग्लैंड का स्कोर जब 86 पर 6 विकेट था तो वह कुरेन ही थे जिन्होंने 78 रनों की बेशकीमती पारी खेलकर इंग्लैंड का स्कोर 246 तक पहुंचाया.

इसके बाद कुरेन ने गेंद से भी कमाल दिखाते हुए पहली पारी में कप्तान विराट कोहली का विकेट लिया जो टीम इंडिया को मजबूत बढ़त की ओर ले जा सकते थे. कोहली जब आउट हुए तो भारत का स्कोर 142 रन पर 2 विकेट था, कोहली के आउट होते ही भारत ने पहली पारी में बड़ी बढ़त लेने का मौका गंवा दिया.

पहली पारी में कोहली के आउट होने के बाद भारत सिर्फ 131 रन ही जोड़ पाया. जिससे उन्हें 27 रनों की मामूली बढ़त मिली जो नाकाफी साबित हुई . वहीं अगर पुजारा ने 132 रन नहीं बनाए होते तो भारत की हालत और भी खराब हो सकती थी.

दूसरी पारी में भी दिया घाव

दूसरी पारी में भी सैम कुरेन ने टीम इंडिया को दर्द दिया. उन्होंने 46 रनों की उपयोगी पारी खेलकर इंग्लैंड की बढ़त को 233 तक पहुंचाया जो शायद 200 से कम हो सकती थी.

कुरेन ने सातवें विकेट के लिए जोस बटलर के साथ मिलकर 55 रनों की पार्टनरशिप की. इसके बाद आठवें विकेट के लिए आदिल राशिद के साथ अपनी टीम के लिए 27 रन जोड़े. इस तरह उन्होंने भारत को मैच से बाहर करने के लिए अपनी पूरी जान लगा दी.  कुरेन रन बनाते रहे, लेकिन विराट ब्रिगेड के पास उनका कोई तोड़ नहीं था.

इंग्लैंड अगर यह सीरीज जीतने में कामयाब रहा है तो उसमें सैम कुरेन का बहुत बड़ा योगदान रहा. साथ ही उन्होंने ‘मैन ऑफ द सीरीज’ के लिए अपनी दावेदारी भी पेश की है.