भोपाल 30 सितंबर 2018।नेता प्रतिपक्ष श्री अजय सिंह ने जयंत मलैया की साफगोई पर उन्हें बधाई देते हुए कहा प्रदेश और जनता के असली हितैषी भाजपा सरकार के वित्त मंत्री हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने मासूमियत में ही सही पर असलियत बता दी कि खाली खजाने को लुटाने के बाद घोषणा मशीन ही घोषणा कर सकते हैं मैं नहीं। श्री सिंह ने कहा कि जब भाजपा सत्ता में आई थी तो मध्यप्रदेश पर मात्र 23 हजार करोड़ कर्ज था। आज बढ़कर 1 लाख 68 हजार करोड़ हो गया। इस कर्ज सहित अन्य कर्जों पर सरकार 47 हजार करोड़ से अधिक का ब्याज चुका चुकी है, यह ब्याज कांग्रेस सरकार में कर्ज से दोगुना तो ब्याज ही है। श्री सिंह ने कहा कि शिवराज सरकार असल में कर्ज लेकर घी पी रही है।
नेता प्रतिपक्ष श्री अजय सिंह ने कहा कि 21 हजार घोषणाओं के वीर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान ने 2017 में अपनी विकास यात्रा के दौरान 6900 घोषणाएं जिलों में और 6379 घोषणाएं विधानसभा क्षेत्रों में की। इन 13 हजार से अधिक घोषणाओं में से मात्र 386 ही पूरी हुईं। 20 हजार करोड़ से अधिक लागत की इन घोषणाओं को पूरा करने पर शासन के पास पैसा नहीं लेकिन मुख्यमंत्री के वित्तीय भार वाले निर्णय लेने और घोषणा करने का सिलसिला जारी है।
नेता प्रतिपक्ष श्री सिंह ने कहा कि शासन के बजट के अनुसार प्रदेश के ऊपर 1 लाख 61 हजार करोड़ का कर्ज पिछले वित्तीय वर्ष में था। इसके बाद 8 हजार करोड़ का कर्ज और बाजार से लिया जो बढ़कर 1 लाख 68 हजार करोड़ हो गया। इसके मुताबिक आज प्रदेश के हर नागरिक पर 22400 का कर्ज है। प्रदेश सरकार ने विभिन्न परियोजनाओं में वर्ल्डा बैंक, जायका, जी.ई.एफ, डी.एफ.आई.डी, डी.आई.बी. सहित अन्य बैंकों से जो कर्ज लिया है उसके मुताबिक प्रदेश सरकार पर कर्ज की राशि बढ़कर 1 लाख 90 हजार करोड़ पहुंच गई है। यही नहीं हाल ही में जायका द्वारा कर्ज देने से मना करने पर सरकार चीन में शंघाई में स्थित न्यू डेवलपमेंट बैंक से 20 हजार करोड़ का कर्ज सड़क के लिए लेने जा रही है। इसके लिए लोकनिर्माण विभाग के उच्च अधिकारी कई चक्कर चीन के लगा चुके हैं। शिवराज सरकार इन कर्ज के बदले अभी तक 47 हजार 564 करोड़ रूपए का कर्ज चुका चुकी है। यह ब्याज की राशि कांग्रेस सरकार पर वर्ष 2013 में 23 हजार करोड़ के कर्ज से दुगनी है जिस पर भाजपा ने खून के आंसू बहाए थे।
नेता प्रतिपक्ष श्री सिंह ने कहा कि वित्त मंत्री का बयान बताता है कि प्रदेश के आर्थिक हालात बद से बद्तर होते जा रहे हैं। मुख्यमंत्री अपनी जीत के लिए अब प्रदेश का और यहां के लोगों के भविष्य को अंधकारमय बनाने की कीमत पर घोषणाएं और फिजूल खर्ची करते जा रहें हैं। जिसके कारण आज प्रदेश बर्बादी की कगार पर खड़ा है।