भोपाल। सरकार के आव्हान के बाद भी बीते 6 माह में एक भी उपभोक्ता ने गैस सिलेंडर पर सबसिडी नहीं छोड़ी है। इसका सबसे बड़ा कारण सिलेंडर के दामों में लगतार बढ़ोतरी होना और सबसिडी के रूप में सरकार द्वारा काटे जाने वाले अधिक रुपए हैं। दो साल पहले जब 70 रुपए सबसिडी थी तो लोग आसानी से सबसिडी छोड़ रहे थे। तब एक सिलेंडर 500 रुपए तक आता था जिसकी कीमत बढ़कर अब 887 रुपए तक पहुंच गई है और अब सबसिडी के 381 रुपए मिल रहे हैं।
लिहाजा जैसे-जैसे गैस के दाम बढ़ते गए उपभोक्ताओं ने बढ़ी हुई सबसिडी छोड़ना बंद कर दिया। राजधानी में 42 गैस एजेंसियां है। करीब 6 लाख 39 हजार उपभोक्ता है। इसमें से अब तक महज पांच फीसदी मतलब 31 हजार के आसपास लोगों ने ही सबसिडी छोड़ी है। वीवीआईपी की बात करें तो पूरे प्रदेश में सबसिडी छोड़ने महज 55 ही हैं। ऐसे वापस पा सकते हैं सबसिडी उपभोक्ताओं को एजेंसी पर जाकर प्रार्थना पत्र देना होगा।
गैस कनेक्शन नंबर, बैंक खाता नंबर, आधार नंबर व पैन कार्ड की प्रति भी जमा करनी होगी। इसके अलावा उपभोक्ताओं को एजेंसी पर एक फार्म भी भरना होगा। उपभोक्ता द्वारा आवेदन करने के एक सप्ताह में गैस कंपनी के क्षेत्रीय प्रभारी द्वारा जांच की जाएगी। सप्ताह भर में जांच होने के बाद उपभोक्ता की सबसिडी बहाल कर दी जाएगी। उपभोक्ता आवेदन की तिथि के बाद सबसिडी प्राप्त करने का हकदार होगा।
6 माह में 6 हजार लोग सबसिडी ले चुके हैं वापस
गैस एजेंसी संचालकों की माने तो गैस सिलेंडर बुक करने के लिए टोल फ्री नंबर पर कॉल किया तो वह शून्य नंबर पर सबसिडी छोड़ने का विकल्प देती है। ऐसे में कई लोग त्रुटिवश यह नंबर दबा देते हैं। जब उन्हें गलती का एहसास होता हैं तो वे तुरंत गैस एजेंसी में पहुंचकर शिकायत करते हैं कि उनकी सबसिडी गलती से चली गई है। एजेंसी संचालकों द्वारा ऐसे उपभोक्ताओं को दोबारा ऑनलाइन आवेदन करने के लिए कहा जाता है। संचालकों के अनुसार रोजाना भोपाल में ऐसे उपभोक्ताओं की संख्या औसतन 10 से 12 तक रहती हैं। बीते 6 माह में करीब 6 हजार लोग इस तरह से सबसिडी वापस चालू करवा चुके हैं।
उपभोक्ता बोले : महंगाई की मार, सबसिडी नहीं छोड़ सकते
हमने पहले सबसिडी छोड़ दी थी लेकिन बाद में सिलेंडर महंगा हो गया। जिसके बाद सबसिडी वापस लेने के लिए सीएम हेल्पलाइन में शिकायत दर्ज कराई। वहां से जवाब मिला कि आपने स्वयं ही सबसिडी छोड़ी हैं तो एजेंसी में शिकायत कर दोबारा सबसिडी शुरू करवाई। महंगाई के जमाने में गैस सबसिडी छोड़ना संभव नहीं है। -रेणुका वर्मा, उपभोक्ता, भारत गैस
गैस सिलेंडर बुक कराते समय मुझसे गलती से सबसिडी गिवअप हो गई थी। जब दो तीन माह तक सबसिडी नहीं आई तो मुझे लगा कि कंपनी मुझे सबसिडी नहीं दे रहे हैं। इसकी शिकायत मैंने एजेंसी में जाकर की जहां से बताया गया कि आपने स्वयं ही सबसिडी गिवअप कर दी है। जिसके बाद मैंने उन्हें दोबारा सबसिडी चालू करने के लिए कहा। -तोरण सिंह अहिरवार, उपभोक्ता, इंडेन गैस
अब तक महज 5% उपभोक्ताओं ने ही सबसिडी छोड़ी
गैस सिलेंडरों में सबसे कम लोग सबसिडी छोड़ रहे हैं। भोपाल में कुल उपभोक्ताओं में से महज पांच फीसदी लोगों ने ही सब्सिडी छोड़ी है। वहीं, ऐसे लोगों की संख्या ज्यादा है जो गलती से सबसिडी छोड़ने वाले विकल्प पर क्लिक कर देते हैं। जिसे बाद में शुरू करवा लेते हैं। –आरके गुप्ता, अध्यक्ष, भोपाल गैस डीलर्स एसोसिएशन