टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को वेस्टइंडीज और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टी-20 सीरीज में शामिल नहीं किया गया, जिसके बाद क्रिकेट जगत में एक नई बहस शुरू हो गई है.
कई क्रिकेट जानकारों ने सेलेक्टर्स के फैसले को सही बताया है जबकि कुछ दिग्गजों का मानना है कि सेलेक्शन कमिटी को महेंद्र सिंह धोनी जैसे कद के खिलाड़ी को ड्रॉप नहीं करना चाहिए था, जिनका भारतीय क्रिकेट में बहुत बड़ा योगदान है.
महेंद्र सिंह धोनी की फॉर्म को लेकर पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर ने बड़ा बयान दिया है. गावस्कर ने ‘आजतक’ से बातचीत के दौरान कहा कि ‘महेंद्र सिंह धोनी को फॉर्म में वापस आने के लिए ज्यादा से ज्यादा मैच प्रैक्टिस की जरुरत है.’
गावस्कर ने कहा कि ‘महान खिलाड़ी चाहे वो क्रिकेट में हो या अन्य खेलों में, फॉर्म में वापसी के लिए उसे ज्यादा से ज्यादा प्रैक्टिस की जरूरत होती है.’
गावस्कर ने कहा कि ‘अब महेंद्र सिंह धोनी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जनवरी में वनडे क्रिकेट खेलेंगे और 2019 में वर्ल्ड कप से पहले उन्हें ज्यादा से ज्यादा मैच खेलने चाहिए. उन्हें जितना हो सके चार दिवसीय क्रिकेट या घरेलू वनडे क्रिकेट खेलनी चाहिए.’
इससे पहले सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली ने भी धोनी पर बयान दिया था. सचिन तेंदुलकर ने कहा, कि ‘मुझे नहीं पता कि इसके पीछे सेलेक्टर्स की क्या मानसिकता है और ड्रेसिंग रूम में क्या माहौल है.’ उन्होंने कहा कि ‘जो फैसले लिए गए हैं, वो उनके बीच ही रहने चाहिए. मैं इस पर कोई सवाल नहीं उठा सकता.’
वहीं कोहली ने कहा कि ‘मुझे लगता है कि इस मुद्दे को लेकर लोग जरूरत से ज्यादा ही चीजें सोच रहे हैं, धोनी वैसे भी हमारे लिए वनडे में रेगुलर खेलते ही हैं तो ये सिर्फ एक युवा खिलाड़ी की मदद के लिए किया गया फैसला है. बाकी जो लोग कह रहे हैं, ऐसी कोई बात है नहीं.’