उज्जैन। राजेन्द्र भारती अपने नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया की जिद से कांग्रेस का टिकट तो ले आए,पर जीत का समीकरण बनाना उनके लिए कठिन काम लग रहा है। ब्राह्मण और माली समाज को साधने के अलावा उन्हें नाराज मुसलमानों का भी दिल जीतना होगा।
इसके अलावा कांग्रेस के अन्य दावेदार रहे आज़ाद यादव,अशोक भाटी, रवि राय,मुकेश शर्मा,नूरी खान के साथ भी तालमेल बिठाने की जुगत लगानी पड़ेगी।
भारती जी को कांग्रेस की सशक्त दावेदार माया राजेश त्रिवेदी की निर्दलीय चुनौती भी झेलनी है।
भारती समर्थक भाजपा प्रत्याशी पारस जैन के प्रति नाराजगी को जीत का आधार मान रहे है,लेकिन इस नाराजगी को मतदान तक बनाए रखने के लिए उन्हें योजना बनानी पड़ेगी।
पारस जैन की राह भी बहुत रपटीली है,कार्यकर्ताओं और मतदाता की उदासीनता से वे कैसे पार पाते है, देखना रोचक होगा।
बहरहाल आज की तारीख तक तो त्रिकोणीय संघर्ष नजर आ रहा है, आगे देखते है ँँँक्या होता है।
– प्रकाश त्रिवेदी