उज्जैनदेवासभोपालमध्य प्रदेश

चुनावी तड़का………! मतदान में 4 दिन शेष नेताओं ने बनाईं अपनो से दूरी मित्रों और रिश्तेदारों को बात करने के लिए करना पड़ रहा इंतजार


चुनावी तड़का………!
मतदान में 4 दिन शेष
नेताओं ने बनाईं अपनो से दूरी
मित्रों और रिश्तेदारों को बात करने के लिए करना पड़ रहा इंतजार
देवास।
विधानसभा चुनाव के चलते एक और जहा नेताजी अपने जनसंपर्क में व्यस्त है वही अब मतदान में 4 दिन शेष है जिसके चलते नेताजी ने अपनो से बनाई दूरी……..!
विधानसभा चुनाव के दौरान जिले की पांचों विधानसभा के प्रत्याशी चुनाव प्रचार प्रसार में इस कदर लगे हुए है कि उन्हें अब मोबाईल से बात करने का समय नही है। प्रत्याशियों के मोबाईल इस समय उनके सहायक अटेंड कर रहे है एवं उनका एक ही जवाब रहता है कि भाई साहब इस समय चुनाव प्रचार में व्यस्त है और मैं उनसे काफी दूर हॅू कुछ देर बाद बात करा दूगां। जानकारी के अनुसार भाजपा कांग्रेस सहित सभी दलों कें उम्मीद्वारों से बात करने के लिए उनके मित्र एवं रिश्तेदार तो दूर कार्यकर्ता को भी इन नेताजी से बात करने के लिए घंटों इंतजार करना पड़ा रहा है। वही राजनैनित दलों के कई नेताओं एवं कार्यकर्ताओं का भी इन उम्मीद्वारों से सीधा सपंर्क नही हो पा रहा है।
चुनाव प्रचार प्रसार में जुटे उम्मीद्वारों के निरंतर बज रहे मोबाईल से परेशान होकर उन्होंने अपना मोबाईल अपने विस्वस्त सहायकों को दे रखे है। जिन्हें केवल कुछ खास लोगों से ही बात कराने की अनुमति होती है। अधिकांश लोगों या कार्यकर्ताओं को एक ही जवाब मिलता है कि भैया अभी चुनाव प्रचार प्रसार में है। और यह कहकर फोन काट दिये जाते है। दूसरी तरफ चुनाव प्रचार में जूटे प्रत्याशियों के अलावा बड़े राजनैतिक दलों के पदाधिकारियों का भी यही हाल है। अपने नेता जी से बात करने के लिए प्रत्याशी के मोबाईल पर अर्जेन्ट मैसेज भेजकर बात करने का निवेदन कर रहे है।
चुनाव लडऩे वाले उम्मीद्वारों के फोन न उठानेे का मुख्य कारण सबसे अधिक अनावश्यक खर्च से बचने एवं कार्यकर्ताओं के अनावश्यक विवादों से दूर रहना है। चुनाव के संबंध में कई कार्यकर्ताओं वाहनों से हो रहे खर्च,चुनाव प्रचार प्रसार सामग्री की मांग एवं कर्यकर्ताओं के चाय नास्ते सहित अन्य खर्च से बचना मुख्य कारण भी हो सकता है। वही इसके लिए इन सफेद कुर्ती धरियों नेताओं ने अलग – अलग जिम्मेदारिंया एवं व्यवस्थां सौप दी है।