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पटवारी को रिश्वत लेना पड़ा भारी न्यायालय ने दोषी करार देते हुए 4 वर्ष का कारावास व अर्थदंड से किया दंडित

पटवारी को रिश्वत लेना पड़ा भारी
न्यायालय ने दोषी करार देते हुए 4 वर्ष का कारावास व अर्थदंड से किया दंडित
देवास।
दो वर्ष पूर्व फरियादी की नीजि भूमि का नामांतरण करवाने के लिये पटवारी को आवदेन दिया। जिस पर पटवारी ने रिश्वत की मांग की, जिस पर आवेदक ने उक्त मामले की सूचना लोकायुक्त को दी जिसके बाद आरोपी पटवारी को रंगे हाथों पकड़ाया। प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन था, उक्त प्रकरण की पैरवी करते हुए आरोपी पटवारी को न्यायालय में दोषी पाते हुए 4 वर्ष का सश्रम कारवास व 20 हजार के अर्थदंड से दंडित किया है।
ये था मामला
उप संचालक (अभियोजन) अजय सिंह भंवर द्वारा बताया गया कि फरियादी राजेन्द्र सोनेर ने अपने मालिकाना हक की 18 बीसवा जमीन का नामांतरण करवाने के लिए आरोपी पटवारी धनसिंह रावत हल्का नं0 50 पांदाजागीर तह0 सोनकच्छ के समक्ष आवेदन प्रस्तुत किया। आरोपी ने अपने पदीय कर्तव्य के निर्वहन में लोकसेवक के पद का दुरूपयोग कर वैध पारिश्रमिक से भिन्न पारितोषण आवेदक से अवैध पारितोषण अर्थात रिश्वत की मांग की जिस पर से आवेदक राजेन्द्र सोनेर द्वारा रिश्वत की राशि आरोपी को ना दिए जाने व रंगेहाथो पकड़े जाने हेतु आवश्यक कार्यवाही किए जाने बावत आवेदन पत्र लोकायुक्त कार्यालय उज्जैन में प्रस्तुत किया तथा आवेदक ने दिनांक 07.01.16 को आरोपी धनसिंह को 4000 रूपये रिश्वत के रूप में दिए जिस पर लोकायुक्त कार्यालय उज्जैन द्वारा निरीक्षक दिनेश रावत के निर्देशन मे संपूर्ण कार्यवाही की जाकर आरोपी के विरूद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7,13(1)डी,13(2) के तहत प्रथम दृष्टया अपराध प्रमाणित पाते हुए अभियोग पत्र क्र0 325/16 तैयार कर माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। माननीय विशेष न्यायाधीश (भृ0निवा0अधि0) द्वारा उक्त प्रकरण का विचारण करते हुए आरोपी धनसिंह रावत को दोषसिद्ध पाते हुए उस पर अधिरोपित धारा 7,13(1)डी में 4 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 20 हजार रू0 अर्थदण्ड व धारा13(2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 में 4 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 20 हजार रू जुर्माने से दण्डित किया गया। उक्त प्रकरण में शासन की ओर से अजयसिंह भंवर, उप संचालक अभियोजन, द्वारा सफल पैरवी संपादित की गई।