पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारतीय वायुसेना की कार्रवाई से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है. कल (27 फरवरी) पाकिस्तानी वायु सेना ने भारतीय सीमा में घुसने की हिमाकत की. पाकिस्तानी जेट F-16 ने जम्मू-कश्मीर के पुंछ और नौशेरा सेक्टर में भारतीय हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया लेकिन भारतीय विमानों ने उन्हें पीछे खदेड़ दिया. इस एक्शन में भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तानी विमान F-16 को मार गिराया गया है. हालांकि, इस कार्रवाई में भारत ने मिग 21 खो दिया. मिग विमान को चला रहे विंग कमांडर फिलहाल पाकिस्तान के कब्जे में हैं.
पुलवामा आतंकी हमले के मद्देनजर बदले की कार्रवाई करते हुए भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तान के अंदर घुस कर बालाकोट में स्थित आतंकियों के ठिकाने को तबाह कर दिया था. जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ठिकानों को नेस्तोनाबूत करने के बाद भारतीय वायु सेना सही सलामत वापस लौट आई. वायु सेना ने मिराज 2000 की मदद से 1000 किलो के बम बरसाए जिससे जैश के कई ठिकाने तहस-नहस हो गए. इसके जवाब में पाकिस्तानी वायु सेना ने हिंदुस्तान में घुसने की हिमाकत की है.
इस तनाव में अगर भारत और पाकिस्तान में जंग छिड़ती है तो पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से चरमरा जाएगी. विश्व की सबसे तेज उभरती हुई अर्थव्यवस्था कही जाने वाली भारतीय अर्थव्यवस्था विश्व की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. इस मुकाबले पाकिस्तान को दूसरे देशों पर निर्भर होना पड़ता है.
अन्य पहलुओं पर भारत और पाकिस्तान के अर्थव्यवस्था की तुलना करें तो भारत में प्रति व्यक्ति आय 7200 डॉलर है, इस मुकाबले पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था में प्रति व्यक्ति आय 5400 डॉलर तक ही सीमित है.
उत्पादों के निर्यात के मद्देनजर भारत का कुल निर्यात पाकिस्तान से 10 गुना ज्यादा है. साल 2017 में भारत ने लगभग 300 अरब डॉलर के उत्पादों का निर्यात किया था. वहीं पाकिस्तान ने इस साल महज 32 अरब डॉलर का निर्यात करने सक्षम हो पाया. इसी साल भारतीय अर्थव्यवस्था में निवेश दर 30 लाख डॉलर के आसपाथ थी, वहीं पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था में निवेश दर 15 लाख डॉलर के आस पास रही.
सार्वजिनक क्षेत्रों में जहां भारत शिक्षा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में 4.7 प्रतिशत अपने जीडीपी का खर्च करता है. इस मुकाबले पाकिस्तान इन क्षेत्रों में अपने जीडीपी का 2.6 प्रतिशत हिस्सा ही खर्च कर पाता है.
विदेशी मुद्रा भंडारण में पाकिस्तान, भारत का कोई मुकाबला नहीं कर सकता. कठिन परिस्थिति में भारत अपने विदेशी मुद्रा भांडारों का इस्तेमाल कर सकता है. भारत के पास लगभग 400 अरब डॉलर जबकि इस मुकाबले पाकिस्तान के पास लगभग 14 अरब डॉलर विदेशी मुद्रा भंडार हैं.