नई दिल्ली: आईटी कंपनी विप्रो के चेयरमैन अजीम प्रेमजी ने 52,750 करोड़ रुपए के अपने शेयर अजीम प्रेमजी फाउंडेशन को दान कर दिए हैं. प्रेमजी के इस कदम से शेयरों से होने वाले फायदे को फाउंडेशन से जुड़ी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किया जाएगा. अजीम प्रेमजी फाउंडेशन ने बुधवार को एक बयान जारी कर कहा कि इस दान के बाद फाउंडेशन के काम में धन आड़े नहीं आएगा.
फाउंडेशन ने अपने बयान में कहा, ”अजीम प्रेमजी ने अपनी निजी संपत्तियों का ज्यादा से ज्यादा दान कर उसे सामाजिक काम में देकर परोपकार के प्रति अपनी प्रतिबद्धता बढ़ाई है, जिससे अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के परोपकार कार्यों को सहयोग मिलेगा.”
फाउंडेशन ने बेंगलुरु में अजीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी की स्थापना भी की है. इस यूनिवर्सिटी का उद्देश्य शिक्षा से जुड़े पेशेवर तैयार करना है. फाउंडेशन के मुताबिक स्कूली शिक्षा प्रणाली में सुधार में योगदान के लिए जिला और राज्य स्तर पर संस्थानों के नेटवर्क को मजबूत बनाने पर काम करता है.
बिल गेट्स और वारेन बफेट की ओर से शुरू की गई पहल ‘द गिविंग प्लेज’ पर हस्ताक्षर करने वाले पहले भारतीय भी थे. इस पहल के तहत अरबपति अपने धन का कम से कम आधा हिस्सा सामाजिक कार्यों के लिए दान करते हैं.
बता दें कि प्रेमजी को फ्रांस का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘शेवेलियर डी ला लीजन डी ऑनर’ से भी नवाजा जा चुका है. आईटी उद्योग विकसित करने, फ्रांस में आर्थिक दखल देने और अजीम प्रेमजी फाउंडेशन एवं विश्वविद्यालय के जरिये एक समाजसेवी के रूप में समाज में उनके योगदान को लेकर उन्हें यह सम्मान दिया गया है.