विद्युत कटौती पर सत्ताधारी नेता आये सामने
अपनी आदत सुधार लो वरना सीधा करना हमें आता है :- राजानी
भाजपा पार्टी के लोग विचार बदल लें वरना उल्टा लटकाना आता है :- राजानी
सत्ताधारी पार्टी ने विद्युत वितरण कंपनी के अधीक्षण यंत्री को घेरा
देवास। शहर के विभिन्न क्षेत्रों में विद्युत कटौती लगातार जारी है। वहीं गर्मी के मौसम में विद्युत कटौती होने पर आमजन काफी परेशान हो रहे हैं। इसी के चलते कांग्रेस पार्टी ने इस मुद्दे को लेकर सोमवार दोपहर को अधिक्षण यंत्री के कार्यालय पर हंगामा किया। जिसके चलते शहर कांग्रेस अध्यक्ष ने सियासी दाव के चलते भाजपा पार्टी पर कई आरोप भी लगाये। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा की उनकी पार्टी के सत्ता में आने के बाद जनता को भड़काया जा रहा है। वहीं अध्यक्ष ने विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारीयों को चेतावनी देते हुए कह दिया की अपनी आदत सुधार लो वरना सीधा करना हमें आता है। वहीं भाजपा पार्टी के नेताओं को चेतावनी देते हुए कहा की वे लोग अपने विचार बदल लें वरना उल्टा लटका कर मारेंगे।
शहर में पिछले कई दिनों से विद्युत कटौती लगातार जारी है। जिसके चलते सोमवार को शहर कांग्रेस अध्यक्ष मनोज राजानी अन्य कार्यकर्ताओं के साथ विद्युत वितरण कंपनी के अधिक्षण यंत्री कार्यालय पर पंहुचे जहां उन्होनें अपने सियासी दाव पैंच का जमकर इस्तमाल किया। उन्होनें भाजपा पार्टी के साथ विभाग के आला अधिकारीयों के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए कई प्रकार के आरोप भी लगाये। राजानी ने कहा की कांग्रेस पार्टी आज सत्ता में है, वहीं चुनाव के दौरान पार्टी को बदनाम करने की साजिश के चलते विद्युत कटौती की जा रही है। पिछले दिनों प्रदेश भर में विद्युत वितरण कंपनी के कई कर्मचारीयों को हटाया गया है। राजानी का मानना है की ये ऐसा षडयंत्र है की बहुत आसानी के साथ हम बदनाम हो सकते हैं। भाजपा पार्टी के उन विभागों के ऊपर खुला आरोप लगाते हुए कहा की वे लोग जनता को परेशान कर रहे हैं। उन्होनें साफ कह दिया की जो भी अधिकारी इस षडयंत्र में लिप्त पाया जायेगा तो उसे छोड़ा नहीं जायेगा।
जबकि 15 वर्ष पहले भी थी सरकार
कहा जाये तो कांग्रेस सरकार सत्ता में 15 वर्षों पूर्व भी उस दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह थे। जिनके कार्यकाल में विद्युत कटौती की सीमा तय नहीं हुआ करती थी। वहीं विद्युत कटौती भी बगैर सूचना दिये व बगैर निर्धारत समय के लिये की जाती थी। यह बात एक भाजपा नेता ने कहते हए राजानी के द्वारा लगाए गए आरोपों पर कहे गये उन्होनें कहा की इससे पहले तो राजानी नहीं जागे जब उनकी सरकार थी तो तत्कालीन शहर अध्यक्ष ने इस प्रकार के जनहित मुद्दों को लेकर क्यों अधिकारीयों कहा नहीं। जबकि उस दौरान तो केन्द्र से लेकर राज्य तक सरकार कांग्रेस की थी।