उज्जैनदेवासभोपालमध्य प्रदेश

किसानों ने फिर किया चक्काजाम, एसडीएम की समझाईश के बाद हटे


देवास। कृषि उपज मण्डी में किसानों की मांग पूरी न होने के कारण विवाद की स्थिति लगातार बनती जा रही है। पिछले दिनों मण्डी के कुछ व्यापारी यहां से फरार हो गए थे। उनका पेमेंट मण्डी शासन ने जैसे तैसे किया। वहीं पिछले दिनों एक व्यापारी और फरार हो गया जिसके चलते कुछ किसानों का रूपया फिर डूबत में आ गया। इसी के तहत आज भी मण्डी में व्यापारियों ने बंद करने की घोषणा गत शाम को की थी, जिसके चलते आज मण्डी सुबह निर्धारित समय पर चालू नहीं हुई। सूचना के अभाव में कृषक अपना माल लेकर मण्डी में नीलामी करने को लेकर आ गए। जब यहां पर मण्डी के द्वार नहीं खुले और मण्डी चालू नहीं हुई तो किसानों ने अपना रूद्र रूप धारण करते हुए फिर से एबी रोड पर चक्काजाम कर दिया और मांग यह थी कि जब तक कलेक्टर यहां नहीं आएंगे, हमारी बात नहीं सुनेंगे, तब तक हम यहां से नहीं हटेंगे। लेकिन कलेक्टर तो नहीं एसडीएम मौके पर तत्काल पहुंचे और किसानों को समझाईश देते हुए चक्काजाम हटवाया। वहीं बंद मण्डी को 12 बजे चालू करने के निर्देश दे दिए।
पिछले कुछ माह से मण्डी में विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। कृषक अपनी बात पर अड़े हुए हैं। वहीं मण्डी सचिव का कहना है कि आरटीजीएस के मार्फत ही किसानों को पैसा दिया जा सकता है। वहीं किसानों का मानना है कि जिस तरह व्यापारियों ने उनके साथ धोखाधड़ी की है उसके तहत किसान वर्ग माल नगद बेचने के लिए तैयार है। उन्हें आरटीजीएस के मार्फत रूपया नहीं चाहिए। कारण यह है कि आरटीजीएस का पैसा तत्काल बैंक के खातों में नहीं आता और व्यापारी आरटीजीएस का बहाना करके किसानों को उनके खाते में पैसा डालने की बात कह जाते हैं जिस पर रूपया किसानों के खातों में नहीं आता। इस मामले को लेकर कृषकों का कहना है कि हम मण्डी में नगद रूपया लेकर ही माल व्यापारियों को बेचेंगे। इस बात को लेकर आज भी मण्डी क्रमांक 2 के बाहर कृषकों ने अपना आक्रोश जताते हुए मण्डी बंद रहने दी और व्यापारियों की गैर मौजूदगी के चलते चक्काजाम कर दिया, जिसे एसडीएम जीवनसिंह रजक के आने के पश्चात और उनके द्वारा समझाईश देने के बाद चक्काजाम खत्म हुआ और दोपहर 12 बजे के बाद नीलामी प्रारंभ होने की बात कही।