उज्जैनदेवासभोपालमध्य प्रदेश

नगरीय निकाय चुनाव के पूर्व जागा पार्षद दल, कार्यपालन यंत्री को पद से हटाये जाने की कि मांग


नगरीय निकाय चुनाव के पूर्व जागा पार्षद दल
निगमायुक्त से विकास कार्य को लेकर की चर्चा
कार्यपालन यंत्री को पद से हटाये जाने की कि मांग
आयुक्त के आश्वासन पर पार्षद दल की बैठक संपन्न
देवास। नगर पालिका निगम में आने वाले कुछ माह के उपरांत चुनाव होना है जिसको लेकर शहर के विभिन्न वार्डों के पार्षद इस विचार में है की उनके वार्डों के कार्य शीघ्र से पूरे हो जायें। जिसके लिये शनिवार को भाजपा पार्टी के पार्षद दल के सदस्य अचानक से निगम कार्यालय पंहुचे जहां निगमायुक्त से विभिन्न मुद्दों को लेकर चर्चा की गई। इसके साथ ही पिछली परिषद की बैठक में कांग्रेस व भाजपा पार्षद दलों ने सर्वानुमति निर्णय लिया था की कार्यपालन यंत्री को इस पद से हटाकर दूसरे अन्यत्र विभाग में भेजा जाए। लेकिन निर्णय होने के बाद से आज तक कार्यपालन यंत्री को इस पद से हटाया नहीं गया था। इससे पूर्व सभापति व भाजपा सत्ता पक्ष नेता के द्वारा पत्र से निगम आयुक्त को अवगत कराया गया था, उसके बावजूद वह पद पर जमे रहे। इस संबंध में पार्षद दल शनिवार शाम को निगमायुक्त से मिला जहां उन्होनें पार्षद दल को सांत्वना दी है की कार्यपालन यंत्री को शनिवार को हटा दिया जाएगा व उन्हें दूसरा विभाग दे दिया जाएगा।

आने वाले कुछ माह में नगरीय निकाय चुनाव होना है जिसको लेकर भाजपा व कांग्रेस पार्षद दल सक्रिय हो चुका है। इस हेतु जिन वार्डों में बजट राशि अनुसार 30-30 लाख रूपये की निधि स्वीकृत की गई थी। समस्त वार्डों में इस निधि के तहत कार्य किये जाने है। इस हेतु भाजपा पार्षद दल ने आयुक्त से मुलाकात की जिसमें भाजपा सत्ता पक्ष नेता मनीष सेन ने आयुक्त से कहा की इस कार्यों हेतु टेण्डर निकाले जाएं जिससे वार्डों में कार्य हो सके। मनीष सेन ने आयुक्त से कहा की टेण्डर 7 दिवस में निकाले जाएं। वहीं वार्डों में विद्युत व्यवस्था, सफाई की व्यवस्था को लेकर चर्चा की। जिस पर आयुक्त ने आश्वस्त किया है की 7 दिवस में लगभग कार्य पूर्ण करने का प्रयास करेंगे।
कार्यपालन यंत्री को पद से हटायें
निगम कार्यपालन यंत्री कैलाश चौधरी को हटाने के लिये पूर्व परिषद की बैठक में कांग्रेस व भाजपा पार्षद दल ने सर्वानुमति से निर्णय लिया था। जिसके तहत उक्त मामले को लेकर बैठक में चर्चा हुई थी की शहर के विकास कार्य को अवरूद्ध करने का काम, पार्षदों के कामों को रोकने का काम करते है। जिस पर कैलाश चौधरी को कार्यपालन यंत्री के पद से हटाकर दूसरा विभाग देने की बात पर पार्षद गण एकमत हुए थे। जिसके बाद आज तक निगम आयुक्त ने कैलाश चौधरी को हटाया नहीं था। जिस पर शनिवार को आयुक्त से हुई चर्चा की गई जिसमें सत्ता पक्ष नेता ने कहा की यह परिषद की अवमानना है। जिस पर आयुक्त ने उन्हे आश्वस्त किया है की शनिवार को कैलाश चौधरी कोकार्यपालन यंत्री के पद से हटाकर दूसरा विभाग दे दिया जाएगा।
आचार संहिता के कारण नहीं मिले
नगरीय निकाय चुनाव नजदीक होने के चलते भाजपा सत्ता पक्ष नेता मनीष सेन समस्त पार्षदों को लेकर शनिवार को निगम पंहुचे जहां उन्होनें आयुक्त से मुलाकात कर अपनी समस्याओं को सामने रखा। इस संबंध पर जब उनसे चर्चा की तो उन्होनें कहा की आयुक्त से लगातार संपर्क में है, लेकिन इससे पूर्व विधानसभा व लोकसभा चुनाव के चलते आचार संहिता लगी हुई थी। इसलिये नियमानुसार कार्यालय में आकर चर्चा नहीं कर सकते थे। जब आचार संहिता जैसे ही खत्म हुई शहर के विकास के लिये आयुक्त से मुलाकात की गई। वहीं दो-तीन माह के बाद फिर से नगरीय चुनाव के तहत आचार संहिता प्रभावित हो जाएगी, ऐसे में कैसे विकास कार्य पूर्ण होंगे यह सोचनीय है। लेकिन सत्ता पक्ष नेता का मनाना है की 7 दिनों के भीतर टेण्डर निकलने के बाद कार्य आरंभ होगा तो नगरीय निकाय चुनाव के पूर्व बहुत कुछ कार्य पूर्ण हो जाएंगे। वहीं उनका मानना है की आचार संहिता के पूर्व कार्य आरंभ हो जाता है तो उसका कार्य से कोई फर्क नहीं पड़ता है।