उज्जैनदेवासभोपालमध्य प्रदेश

किसानों के समर्थन में उतरे भाजपा नेता, संगठन की गैर मौजूदगी में आंदोलन

किसानों के समर्थन में उतरे भाजपा नेता

देवास। कांग्रेस सरकार जब से सत्ता में आई है तब से किसानों को सरकार संतुष्ट नहीं कर पाई है। किसानों का मानना है कि सरकार ने जो वचन पत्र आमजन के बीच रखा था उस पर सरकार खरी नहीं उतर पा रही है। अब तक किसानों का आंदोलन रैली, चक्काजाम, अनाज मण्डी बंद करने के साथ कई प्रकार से देखने को मिले हैं। अब किसानों ने विपक्ष पार्टियों पर भरोसा जताया है। इसी भरोसे के चलते भाजपा पार्टी के पूर्व विधायक के नेतृत्व में हाटपिपल्या व सोनकच्छ विधानसभा क्षेत्र के किसानों ने रैली निकालकर प्रदर्शन किया व मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।
जब से प्रदेश की सत्ता में कांग्रेस सरकार ने अपना कदम रखा है तब से वह किसानों के प्रति जागरूकता लाने की अपेक्षा किसानों की उपेक्षा करने पर दिख रही है। किसानों का ऐसा मानना है कि वर्तमान सरकार उनके साथ छलावा कर रही है। वचन पत्र पर जो 100 वचन सरकार ने पूरे करने का दावा किया था। उस पर वह खरा नहीं उतर पा रही है, जिसकी वजह से किसान वर्ग अत्यधिक परेशान है। गौरतलब है कि पिछले दिनों जिले के किसान अपना अनाज विक्रय करने हेतु देवास मण्डी में आए थे। जहां किसानों का यह महसूस हुआ था कि सरकार उनकी उपेक्षा कर रही है। क्योंकि ऋण माफी के नाम पर किसानों से प्रमाण पत्र के लिए बार-बार चक्कर लगवाकर परेशान किया जा रहा है। जबकि सरकार ने यह दावा किया था कि किसानों का सरलता से ऋण माफी कर दिया जाएगा जो अब तक अधर में ही है। वहीं कृषि उपज मण्डी में लगातार अनियमित्ताएं दिखाई दे रही है, जिसको लेकर किसानों ने पूर्व में आंदोलनात्मक कार्रवाई भी की थी। उसके बावजूद किसानों को उनके हित के लिए लडऩा पड़ रहा है जबकि कांग्रेस सरकार बड़े-बड़े दावे कर यह कह रही थी कि कृषि उपज मण्डी के अनियमित्ताओं को जांच कर किसानों को छलावे से मुक्त किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों शहर कांग्रेस अध्यक्ष अपनी राजनीतिक रोटी सेंकने के लिए कृषि उपज मण्डी में कुछ कांग्रेसी नेताओं के साथ पहुंच गए थे, जहां उन्होंने किसानों के सामने अपनी पैठ जमाने के लिए कृषि उपज मण्डी सचिव को फटकार लगाकर कहा था कि अगर आप लोग काम नहीं करोगे तो सरकार हमारी है। हम चाहें तो आपका तबादला ऐसी जगह कर देंगे, जिससे आपको परेशानियों के दौर से गुजरना पड़ सकता है। किसान लोग शहर कांग्रेस अध्यक्ष की इस बात से भावुक हो गए और उनके द्वारा कही गई बात से किसानों को ऐसा लगा कि सरकार कहीं न कहीं किसानों के हित के प्रति विचार कर रही है लेकिन आज जब हाटपिपल्या और सोनकच्छ क्षेत्र के किसान सडक़ पर उतरे और उन्होंने भाजपा पूर्व विधायक दीपक जोशी व राजेन्द्र वर्मा के साथ रैली निकाली व 15 सूत्रीय मांगों के साथ मु यमंत्री के नाम ज्ञापन जिलाधीश को सौंपा। हाटपिपल्या वर्तमान विधायक मनोज चौधरी अब तक किसानों की दशा और दिशा दोनों नहीं सुधार पाएं है जिसको लेकर अब किसान चौधरी के विरोध में आवाज बुलंद कर रहे हैं जबकि चौधरी ने चुनाव के दौरान किसानों को बड़े-बड़े दावे कर कहा था कि वह भी किसान पुत्र है और किसानों की दशा को अच्छी तरह समझता है। किसानों के लिए वह हर समय उपलब्ध है। उसके बावजूद अब यह हालात हो गए हैं कि क्षेत्र का किसान वर्ग परेशानियों के दौर से गुजर रहा है। जिस पर अब भरोसा पूर्व विधायक पर बनाया है। किसानों के लिए यह पूर्व विधायक पहले तो भरोसे पर नहीं उतर पाए अब किसानों के प्रति भरोसा बनाए हुए हैं। यह कितने खरे उतरते हैं आगे दिखाई देगा।
संगठन की गैर मौजूदगी में निकली रैली
हाटपिपलिया के पूर्व विधायक दीपक जोशी जहाँ एक और क्षेत्र के किसानों को उनके कार्यकाल के दौरान खुश नहीं रख पाए, वही अब विपक्ष की भूमिका अदा कर रहे दीपक जोशी ने क्षेत्रीय किसानों के प्रति अपनी जागरूकता दिखाने के लिए संगठन से दूरी बनाकर रखी। क्षेत्रीय किसानों के समर्थन में बड़ी देर से ही सही लेकिन लोगो के सामने आए। उन्होंने कहा कि बिल जहाँ उनकी सरकार में 200 रुपये आता था, वह अब हजारो में पहुंच गया है, जबकि कांग्रेस सरकार ने अपने वचन पत्र में 100 रुपये बिजली बिल की घोषणा की थी, जो अब भी अधूरी है। उनसे पूछा गया कि आपके साथ आज की इस रैली में पार्टी संगठन से जुड़े कार्यकर्ता नही थे, जिस पर उन्होंने बड़ी सफाई से कह दिया कि यह कार्यक्रम संघठन का नही था, क्षेत्रीय लोंगो की समस्या, खासकर किसानों की समस्या क्व चलते था। इस आयोजन में संगठन की भूमिका नही थी। वैसे अगर प्रदेश स्तर पर कोई कार्यक्रम आता तो संगठन के कार्यकर्ता मौजूद रहते। वही कहा जाए तो एक पूर्व विधायक अगर चाहता तो संगठनात्मक रूप से रैली निकालकर आंदोलन कर सकते थे। लेकिन दीपक चाहते है कि खुद इस तरह जले की उनकी रोशनी से क्षेत्रीय स्तर पर कार्य हो और उनका नाम ऊंचा हो जाये।