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बच्चों के खेलने के लिए बनाए गए बगीचे आ रहे हैं मटेरियल रखने के काम निजी स्वार्थ के लिए उद्यान पर जड़ दिया ताला मटेरियल की रक्षा करने का यह उपाय, रहवासी परेशान


बच्चों के खेलने के लिए बनाए गए बगीचे आ रहे हैं मटेरियल रखने के काम
निजी स्वार्थ के लिए उद्यान पर जड़ दिया ताला
मटेरियल की रक्षा करने का यह उपाय, रहवासी परेशान
देवास।
वैसे तो शहर में उद्यान के नाम पर कई कालानियों में कुछ उद्यान बने हुए तो हैं लेकिन उन उद्यानों का संवार कर रखने की जवाबदेही कुछ वहां के रहवासियों की होती है तो कुछ नगर निगम की होती है। वैसे यह उद्यान बच्चों के खेलने के लिए बनाए गए है। वहीं निगम ने कुछ दिनों पूर्व इन उद्यानों की सूरत बदलने की मुहिम भी चलाई थी। लेकिन इनके हाल तो अब तक नहीं सुधरे, वहीं शहर के बीच मात्र एक ही उद्यान बना हुआ है लेकिन वहां भी अब तक छुट पुट कार्य जारी है जिसके कारण बच्चे उद्यान का आनंद भी नहीं ले पा रहे हैं। इसी प्रकार का एक उद्यासन राधागंज क्षेत्र में बना हुआ है जहां एक रहवासी ने अपनी मनमर्जी से बच्चों के इस उद्यान में मकान बनाने वाली सामाग्री रख दी और उद्यान के मुख्य द्वार पर ताला भी जड़ दिया जिससे क्षेत्र के रहवासी सहित बच्चों को अब यहां पर खेलने व बुजुर्गो के घूमने के लिए जगह भी नहीं बची
शहर में यूं तो उद्यान के नाम पर सिर्फ मल्हार स्मृति मंदिर उद्यान ही है जहां पर बच्चों के खेलने के लिए जगह के साथ-साथ मनोरंजन के लिए झूले इत्यादी हैं। वहीं शहर की कई ऐसी कालोनियां भी हैं जहां पर क्षेत्र के लोगों के लिए उद्यान का निर्माण पिछले दिनों नगर निगम के मार्फत किया गया था। लेकिन कुछ क्षेत्रों में उद्यानों की हालत कुछ ऐसी बन गई है की उनकी सुध लेने वाला भी कोई अधिकारी सामने नहीं आया। वहीं किन्हीं कालोनियों में कुछ उद्यान अब भी व्यवस्थित बने हुए हैं लेकिन उनका रखरखाव भी सही तरीके से नहीं हो पा रहा है। जिसके कारण यह उद्यान अब धीरे-धीरे अपनी बेबसी पर आंसू बहा रहे हैं। लेकिन शहर के राधागंज स्थित देवश्री नगर में एक उद्यान बना हुआ है जिसका लोकार्पण वर्ष 2016 में विधायक श्रीमती गायत्री राजे पवार ने किया था। जिसकी समस्त प्रकार की जवाबदारी नगर निगम को सौंपी गई थी। इस उद्यान में क्षेत्रवासी घूमते हैं व बच्चों के खेलने के लिए यह मात्र एक उद्यान है। इस उद्यान की हालत अब कुछ ऐसी हो गई है की यहां पर कोई न तो जा सकता है न ही कोई बच्चा यहां पर खेल सकता है। क्षेत्र के रहवासी दिनेश कामदार जो अपने निज निवास का कार्य करवा रहे हैं उन्होनें इस उद्यान में मकान बनवाने का कच्चा मटेरियल इस उद्यान के मैदान में पटकवा दिया जिसके कारण अब बच्चों को यहां पर खेलने से भी रोक लग गई है। क्योंकि कामदार ने इस उद्यान में मकान बनाने का कच्चा माल तो डाल दिया है वहीं इस उद्यान के मैन गेट पर ताला भी जड़ दिया ताकि उनके इस कच्चे माल का कुछ बिगड़े नहीं। वहीं जब इस विषय को लेकर दिनेश कामदार से चर्चा करनी चाही तो उन्होनें कह दिया की इस उद्यान में रखा मकान बनाने का माल बालू रेत उन्हीं की है जो नगर निगम के इस उद्यान में निजी तौर से उन्होनें रखी है।
तो हो जाएगा उद्यान का अंतिम संस्कार ?
कहा जाए तो नगर निगम ने कॉलोनी में बने इन उद्यानों को बच्चों के खेलने के लिए व उन्हें संवारने पर लाखों रुपए खर्च कर बनाए हैं। लेकिन राधागंज के रहवासी दिनेश कामदार के बन रहे निजी भवन का पूरा कच्चा-पक्का मलवा उक्त उद्यान में डाला गया है। वहीं वार्ड क्रमांक 4 देवश्री नगर व चामुंडा नगर के रहवासियो सहित बने बच्चों की इस उद्यान में भवन निर्माता द्वारा रेती पटक कर उद्यान में ताला लगा दिया गया है। जिसकी शिकायत रहवासियों के द्वारा की गई है कि हमारे द्वारा भवन निर्माता को कई बार इस बारे में अवगत भी कराया गया लेकिन वह सुनने को तैयार नहीं जिसकी शिकायत क्षेत्रीय पार्षद सहित रहवासियों द्वारा नगर निगम को भी की गई पर नगर निगम है कि सुनने को तैयार नहीं है। क्या इन बच्चों के उद्यान पर ऐसे ही भवन निर्माताओं द्वारा उद्यानों का अंतिम संस्कार किया जाएगा।